भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c) २०००-२०२२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि।  भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.html , http://www.geocities.com/ggajendra   आदि लिंकपर  आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html   (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html   लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha   258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/  भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर  मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै। इंटरनेटपर मैथिलीक पहिल उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि, जे http://www.videha.co.in/   पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA

 

(c)२०००-२०२२. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। सह-सम्पादक: डॉ उमेश मंडल। सहायक सम्पादक: राम वि‍लास साहु, नन्द विलास राय, सन्दीप कुमार साफी आ मुन्नाजी (मनोज कुमार कर्ण)। सम्पादक- नाटक-रंगमंच-चलचित्र- बेचन ठाकुर। सम्पादक- सूचना-सम्पर्क-समाद- पूनम मंडल। सम्पादक -स्त्री कोना- इरा मल्लिक।

रचनाकार अपन मौलिक आ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) editorial.staff.videha@gmail.com केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉर्मेटमे पठा सकै छथि। एतऽ प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक/संग्रहकर्त्ता लोकनिक लगमे रहतन्हि,'विदेह' प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका मात्र एकर प्रथम प्रकाशनक/ प्रिंट-वेब आर्काइवक/ आर्काइवक अनुवादक आ आर्काइवक ई-प्रकाशन/ प्रिंट-प्रकाशनक अधिकार ऐ ई-पत्रिकाकेँ छै, आ से हानि-लाभ रहित आधारपर छै आ तैँ ऐ लेल कोनो रॊयल्टीक/ पारिश्रमिकक प्रावधान नै छै। तेँ रॉयल्टीक/ पारिश्रमिकक इच्छुक विदेहसँ नै जुड़थि, से आग्रह। रचनाक संग रचनाकार अपन संक्षिप्त परिचय आ अपन स्कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक) ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत।  एहि ई पत्रिकाकेँ श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर द्वारा मासक ०१ आ १५ तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।

स्थायी स्तम्भ जेना मिथिला-रत्न, मिथिलाक खोज, विदेह पेटार आ सूचना-संपर्क-अन्वेषण सभ अंकमे समान अछि, ताहि हेतु ई सभ स्तम्भ सभ अंकमे नइ देल जाइत अछि, ई सभ स्तम्भ देखबा लेल क्लिक करू नीचाँ देल विदेहक 346म आ 347 म अंक, ऐ दुनू अंकमे सम्मिलित रूपेँ ई सभ स्तम्भ देल गेल अछि।

“विदेह” ई-पत्रिका: देवनागरी वर्सन

“विदेह” ई-पत्रिका: मिथिलाक्षर वर्सन

“विदेह” ई-पत्रिका: मैथिली-IPA वर्सन

“विदेह” ई-पत्रिका: मैथिली-ब्रेल वर्सन

 VIDEHA_346

 VIDEHA_346_Tirhuta

 VIDEHA_346_IPA

 VIDEHA_346_Braille

 VIDEHA_347

 VIDEHA_347_Tirhuta

 VIDEHA_347_IPA

 VIDEHA_347_Braille

 

Sagar_Raati_Deep_Jaray_Umesh_Mandal_79_98

उमेश मण्डल आ पुनम मण्ड ल- समाद- सगर राति दीप जरय उमेश मण्डल-सगर राति दीप जरय- ९८म कथा गोष्ठी- सिमरा (झंझारपुर) सगर राति दीप जरय- सिमरा (झंझारपुर) 98म कथा गोष्ठी संयोजक : डॉ. शिव कुमार प्रसाद उद्घाटन सत्र- दीप प्रज्जवलन : श्री महावीर प्रसाद, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम‘निषाद’, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री नारायण यादवआ श्री योगेन्द्र राउत। उद्घाटन भाषण : श्री अरविन्द ठाकुर, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’आ श्री महावीर प्रसाद। मंच संचालक : श्री संजीव कुमार ‘शमा’ पोथी लोकार्पण सत्र- लोकार्पित पोथी : (1.) मरजादक भोज (कथा संग्रह) : नन्द विलास राय (2.) दुधबेचनी (कथा संग्रह) : राम विलास साहु (3.) देखल दिन (कथा संग्रह) : जगदीश प्रसाद मण्डल (4.) कथा कुसुम (क.सं. दो.सं.) : दुर्गानन्द मण्डल (5.) सोंहॉंत-अनसोंहाँत (काव्य संग्रह) : डॉ. शिव कुमार प्रसाद (6.) पघलैत हिमखंड (काव्य संग्रह, अनु.) डॉ. शिव कुमार प्रसाद (7.) नमस्तस्यै (उपन्यास) : रबीन्द्र नारायण मिश्र (8.) पंगु (उपन्यास) : जगदीश प्रसाद मण्डल लोकार्पण कर्ता : श्री महावीर प्रसाद, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम ‘निषाद’, श्री उमेश नारायण कर्ण, प्रो. शुभ कुमार वर्णवाल, श्री नारायण यादवआ श्री योगेन्द्र राउत। दू शब्द : श्री महावीर प्रसाद मंच संचालक : उमेश मण्डल कथा सत्र- अध्यक्ष मण्डल डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम ‘निषाद’ संचालन समिति : सूर्य नारायण यादव, दुर्गानन्द मण्डल, नन्द विलास राय, अनील ठाकुर कथा पाठ- प्रथम पाली- 1. प्रेमक अश्रुधार : नारायण यादव 2. बोझ : दुर्गानन्द मण्डल 3. देखल दिन : जगदीश प्रसाद मण्डल समीक्षा : श्यामानन्द चौधरीजी, राम विलास साहुजी, अरविन्द ठाकुरजी, योगेन्द्र पाठकजी दोसर पाली- 4. दहेज पाप छी : नन्द विलास राय 5. संघर्ष : अरविन्द ठाकुर 6. भिनसुरका गप-सप्प समीक्षा : दुर्गानन्द मण्डलजी, उमेश नारायण कर्णजी, शिव कुमार प्रसादजी, नारायण यादवजी तेसर पाली- 7. घरतोड़नी : प्रो. प्रीतम कुमार ‘निषाद’ 8. ऐगला पड़ाव : ललन कुमार कामत 9. ई केकर दोख : राम विलास साहु समीक्षा : कपिलेश्वर राउतजी, उमेश मण्डलजी, श्यामानन्द चौधरीजी चारिम पाली- 10. मराएल जिनगी : कपिलेश्वर राउत 11. केकरो कियो नहि : लक्ष्मी दास 12. काबू : उमेश नारायण कर्ण समीक्षा : नारायण यादवजी, प्रीतम कुमार ‘निषाद’जी, योगेन्द्र पाठकजी पॉंचम पाली- 13. प्रेत लेल लड़ाइ : अमर कान्त लाल 14. जाएब नेपाल मुदा कपार जाएत संगे : शिव कुमार मिश्र 15. पुत्र मोह : लक्ष्मी नारायण प्रसाद समीक्षा : नारायण यादवजी, प्रीतम कुमार ‘निषाद’जी, राम विलास साहुजी छठम पाली- 16. टिप्स : रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’ 17. नसीहत : नारायण यादव 18. आमक चोर सगर शोर : अच्छेलाल शास्त्री समीक्षा : नन्द विलास रायजी, शिव कुमार प्रसादजी, सूर्य नारायण यादवजी सातम पाली- 19. वाइफ : लक्ष्मी नारायण प्रसाद 20. अनुशासित प्रतिष्ठान : श्रीमती ज्योति कुमारी 21. कोचिंग : श्रीमती ज्योति कुमारी समीक्षा : प्रीतम कुमार ‘निषाद’जी, श्यामानन्द चौधरीजी, नारायण यादवजी अध्यक्षीय भाषण : श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम कुमार ‘निषाद’ धन्यवाद ज्ञापन : डॉ. शिव कुमार प्रसाद। ऐगला आयोजन : प्रो. प्रीतम कुमार ‘निषाद’क संयोजकत्वमे, स्थान- मुरहदी (बाबूबरही) उमेश मण्डल ‘सगर राति दीप जरय’क ९३म आ ९४ म आयोजन १ 25 मार्चक राति, रतनसारा गाममे जे ‘सगर राति दीप जरय’क 93म कथा-साहित्यह गोष्ठीब सम्पणन्न भेल, तइमे बीहैन आ लघु मिला दू दर्जनसँ बेसी कथाक पाठ भेल। सात पालीमे कथा सभकेँ मंचपर पढ़ल गेल आ तैपर समीक्षक लोकैन समीक्षा करैत भरि रातिक समए केना बितौलैन से किनको नहि पता चलल। भोर नहि, भिनसर धरि गोष्ठीभ दनदनाइत रहल। समीक्षक, आलोचक आ कथाकारक संग श्रोता सेहो सगर राति जागि गोष्ठीकक आनन्द लैत रहला। ओना तँ गोष्ठीमक आरम्भत साझे, करीब छबे बजे भेल मुदा कथा पाठक क्रम रातिक आठ बजेसँ, जेकरा दोसर साँझ सेहो कहि सकै छी-भेल। दीप प्रज्वलनक पछाति स्वाेगत, स्वा गत भाषण, पोथी लोकार्पण, लोकार्पित पोथी सभपर टिप्पपणी इत्यालदिमे करीब दू घन्टा, लागिए जाइए। तहूमे चारिटा पोथीक लोकार्पण छल। जइमे पहिल छल श्री राजदेव मण्डिल रचित उपन्यापस- ‘जल भँवर’, दोसर- श्रीमती मुन्नी कामतजीक काव्यम संग्रह- ‘सुखल मन तरसल आँखि’ आ तेसर तथा चारिम छल लघु कथा-संग्रह- ‘बीरांगना’ आ ‘स्मृसति शेष’ जेकर रचियता छैथ- श्री जगदीश प्रसाद मण्डिलजी। श्री मण्डीलजी एवं डॉ योगेन्द्रु पाठक वियोगी, प्रो. शिव कुमार प्रसाद तथा श्री नारायण यादवजीक अध्यरक्षता एवं श्री दुर्गानन्दि मण्डशल, श्री उमेश पासवान तथा उमेश मण्ड,लक (अर्थात् अपने) संचालनमे सगर रातिक ऐ साहित्यिछक कार्यक्रमकेँ मंचप सफल बनौल गेल, जइमे कथा सभ जे आएल छल तेकर शीर्षक निम्ने अछि- 1. टुटैत मनक जुड़ाउ, 2. घुरि गाम चलु, 3. देशक इतिहास, 4. टुटल मन, 5. छोटकू दोस, 6. अछूत, 7. दादा, 8. स्टाीर्टर, 9. हमर पत्नीक मनोरथ, 10. कर्म मुक्तिे, 11. लौल, 12. गामक कटान, 13. बोझ, 14. गोमुखी, 15. हिन्दुफ-मुस्लिमम भाई-भाई, 16. ठिठर काका, 17. रोहानी, 18. मानव संग माछ, 19. शराब संगे शराबी, 20. दूध बेचनी चमेली, 21. तोबा बनल अंग्रेज, 22. लकबाबला, 23. घरक बाँस, 24. अन्ध‍विश्वाछस, 25. भितरिया चोट। अखन तत्काोल अपनौं लोकैन निम्न कथाक आनन्द lel jau भितरिया चोट चाहक दोकान लग किछु लोक ठाढ़ छल आ किछु बैसल छल। गप्पलक छरक्का छुटि रहल छेलइ। विषय छेलै- आइ-काल्हििक लोक सभटा काज स्वाकर्थेक कारण करै छइ। मुदा हम ऐ बातपर अड़ल देलौं जे किछु काज लोक ओहनो करैत अछि जइमे कोनो स्वाणर्थ नइ रहै छइ। जइ काजकेँ ‘उपकार’ कहल जाइ छइ। एम.एल.ए.क चुनाउ होइबला छेलइ। चुनाउक समैमे तँ पुलिसकेँ जेना पाँखि लगले रहै छइ। तखैने ओइठाम एकटा पुलिसिया गाड़ी रूकल। रूकल नहि बल्किह रोकए पड़लै। कारण छेलै, एकटा साइकिल सड़केपर ठाढ़ छेलै आ साइकिलबला केतौ चलि गेल छल। एकटा सिपाही गाड़ीसँ उतैरते बाजल- “केकर साइकिल छियौ रौ? साहैबक गाड़ी रूकल छइ। हटेबें जल्दील आकि देखबीही।” मुदा कियो साइकिल हटेबाक लेल नहि आएल। सिपाही पूरा तमसा गेल छल। ओकर रौद्र रूप देख हम जेना भीतरसँ डेरा गेल रहौं। हम तेजीसँ गेलौं आ साइकिलकेँ हटबए लगलौं। कमजोर रहने कनी अस्थिइरसँ हटबै छेलौं। डरेबर बारम्बारर हॉर्न बजा रहल छेलइ। सिपाही डण्टांसँ हमरा पजरामे गोंजी मारैत बाजल- “तोहर खतियानी रोड छियौ। टेर मारैत केना चलैए! देखै नइ छै जे साहैबकेँ लेट होइ छइ!” हड़बड़ाइत आगू बढ़लौं कि रोडक कातमे साइकिल नेने खसि पड़लौं। चाहक दोकापर लोक ठिठिया कऽ हँसि देलक। पुलिसिया गाड़ी हॉर्न दैत चलि गेल। एक गोरे टिटकारी मारैत बाजल- “की यौ उपकारीजी, की भेल?” डण्टाीसँ तँ कमे चोट लगल छल मुदा ‘की यौ उपकारीजी, की भेल’ सुनि भितरिया चोट जेना कुहरा देलक। लोक दिस तकलौं तँ लगल जेना नँगटे ठाढ़ छी। लाजे मुड़ी गोंतने विदा भऽ गेलौं।◌ कथाकार- श्री राजदेव मण्डल।◌ टुटैत मनक जुड़ाउ मन टुटने जहिना अपना संग दुनियाँ टुटए लगै छै तहिना हमरो भेल। हलाँकी मनो सबहक एके कारणे नइ टुटै छै, सबहक अपन-अपन-अपन-फराक-फराक कारण रहै छै। हँ, किछु कारण एहेन जरूर अछि जे एक-दोसरसँ मिलैए। तँए कारणक महत्‍ केकरोसँ केकरो कम अछि सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। जँ से रहैत तँ अपने चलियो जाइत आ दुनियाँसँ सम्बएन्धक रखैत वा दुनियेँसँ चलि जाइत आ अपनासँ रखैत, सेहो तँ नहियेँ अछि तँए सबहक महत्व्क महत अछिए। तहिना ने जुड़ाउ सेहो छी। ओना, टुटब आ जुड़व दुनू विपरीत पाशापर अछि, किन्तुब पाशापर दुनू नइ अछि सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। भलेँ एक प्रेम-स्विरूप आ दोसर वियोगे-स्वनरूप किए ने हुअए। ओना, टुटैत मनक क्रिया एकरंगाहो होइए आ एकरंगाह नहियोँ होइए। भलेँ गाछ-गाछमे अन्तुर रहने फलो आ फलक सुआदोमे अन्तटर किए ने होइत हौउ मुदा फलाफल तँ प्राय: एकरंगाहे होइए। अर्थात्‍ जिनगीक अन्त वा एक दुनियासँ दोसर दुनियाँ जाएब तँ एकरंगाहे होइए। तँए ने कियो अपन जान दइले कनैलक बीआ फोड़ि खाइए तँ कियो सम्पिन्नता रहितो बालो-बच्चाो आ विवाहित संगियोँ छोड़ि आन घर चलि जाइए। तहिना कियो रेलगाड़ीमे कटैले पहिया-तरमे गरदैन दइए तँ कियो गरदैनमे फँसरी लगा घरक धरैनमे लटैक जाइए, चाहे पंखामे झूलि जाइए। मुदा तँए कि सभ एक्केरंग अछि, सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। किछु एहनो तँ ऐछे जेकर अपन जुड़ाउ अपना संग आनोसँ रहने दुनियोँक संग ऐछे जइसँ अपन कोन बात जे आनो-ले अपन जान गमैबते अछि। अस्तुा अपनो आ अपन परिवारो आ दुनियोँक संग मन टुटैक कारण अपन अपने अछि। खाएर जे अछि सएह अहाँ सभकेँ सुनबै छी। विद्यार्थी-जीवनमे जखन रही तखन बुझिलिऐ जे अपना-ले थोड़े पढ़ै छी माइये-बाप-ले पढ़ै छी, तेकर गवाहियो भेटिये जाइत रहए। गवाही ई भेट जाइत रहए जे जँ अपना-ले पढ़ितौं तँ अपने मन ने तैयार होइतइ, माता-पिताकेँ किए कहए पड़ै छैन, हुनका सभकेँ कोन खगता छैन। जँ अपन-अपने होइए तखन हुनको सभकेँ ने अपने काज दइतैन तइले हमरा पाछू किए पड़ै छैथ..? बचकानी मन दुआरे आकि पढ़ैसँ देह चोरबै दुआरे, से नहि बुझि पबिऐ, तँए स्कूँल-कौलेजक तँ खानापुरी करैत रहलौं मुदा पुरी-खाना नइ बुझि पबी। तँए भुसकौलोसँ भुसकौल होइत गेलौं। ई तँ बुझू कहुना कऽ जान बँचल जे थर्ड डिवीजनसँ बी.ए. पास कऽ गेलौं। नोकरी करै-जोगर तँ बनियेँ गेलौं, तँए जेतबे-तेतबे दिन-ले मनमे संतोखो भाइए गेल आ मातो-पिता अपन बेटाक कर्जसँ मुक्तई भेला, तँए हुनको सबहक मनमे खुशी एबे केलैन जइसँ पितृ-सिनेहमे बढ़ोतरीए भेल जे कमल नहि। अपन दोसर ऋृण माता-पिता ईहो चुका लेलैन जे समैपर बिआहो काइए देलैन। ओइ समयमे माता-पितापर आश्रित जिनगी रहए, तँए बिआहक बेसी विचार अपनो किए करितौं, खुशी-खुशी बिआहो काइए लेलौं। बिआह होइते सासुर सन अड्डा भेटिये गेल। आबाजाहीमे आनसँ कनी बेसीए प्रेम रहल। बी.ए. पास रहबे करी तँए मनमे आशा भरले रहए जे एतेटा देशमे जखन छी आ एते लोककेँ जखन नोकरी भेबे केलै तँ हमरा किए ने हएत। मुदा समय निकलल जाइत रहइ। बिआहक पछाइत पत्नियोँ कहलैन, आ संगियोँ-साथी हुथलक, तखन अखबारमे पढ़ि-पढ़ि भँजिया-भँजिया नोकरीक दरखास दिअ लगलौं। केतौ लिखित परीक्षामे पासो करी तँ मौखिकमे छँटा जाइ, किए तँ किताबमे पढ़ल रहैत तखन ने बिसवासक संग भरल-पूरल जवाब देतौं से तँ मने थरथरा जाए। जइसँ बोलीए बन्न भऽ जाए, फेल कऽ जाइ। अन्तोग-अन्तभ नोकरी नहियेँ भेल। जिनगीक आशा टुटए लगल। टुटैत-टुटैत एते टुटि गेल जे जिनगीए-सँ घृणा भऽ गेल। घृणित मन अपनासँ लऽ कऽ दुनियाँ धरिसँ टुटि गेल। जखन सभसँ टुटिये गेल तखन मरबे नीक छल तँए सोचैत-विचारैत गरदैनमे फँसरी लगा धरैनमे लटकए लगलौं। मुदा पत्नी देख लेलैन। हलाँकी घरक संग खिड़कियो बन्न कऽ देने रहिऐ, पता नहि, केना देख लेलैन- लगैए खिड़कीक दोग-देने देख लेलैन। गरदैनमे फँसरी लगा जखन फाँसीपर चढ़ए लगलौं कि पत्नी हल्लाै केलैन। ओना, जौड़क दोस छोर दोसर दोसर खुट्टामे नइ बन्ह ने छेलौं, तइ बिच्चे।मे हल्लाि भेल! केबाड़ तोड़ि गरदैनमे जौड़ बान्हील सभ देखलैन। अपन मने हेरा गेल जे की केलौं तँ किछु ने! हल्लान सुनि जीवन काका सेहो एला। अबिते बजला- “ईह बुड़ि कहीं केँ! जेकरा हाथमे रूखाने-बैसला नइ रहत ओ गाम कमा गुजर कऽ लेत।” ओना जीवनो काका तमसाएले बुझेला, मुदा अपनो मनमे मरैक तामस चढ़ले रहए। बिधुआएल मुहेँ की बजितौं, तैयो कहलयैन- “काका बड़ गलती भेल।” जीवन काका बजला- “बड़ गलती नइ भेलह, भेलह एतबे जे जहिना तूँ समैयक महत्‍ नइ देलहक, तहिना समैयो तोरा छोड़ि देलकह।” ◌उमेश मण्डल◌ २ 1990 इस्वीेमे आरम्भल भेल मैथिली साहित्य क प्रमुख कथा-संगोष्ठीत ‘सगर राति दीप जरय’क 94म आयोजन जाल्पा़ मध्यह विद्यालय परिसर- लौफा (मधेपुर)मे 24 जून 2017 संध्यार 6 बजेमे शुरू भ’ भिनसर 6 बजेमे सम्पपन्न भेल। डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’ (वैज्ञानिकजी) केर संयोजकत्विमे आयोजित ऐ सगर रातिक कथा संगोष्ठी‍क उद्घाटन केलैन मैथिली साहित्य‍क सर्वश्रेष्ठय रचनकार श्री जगदीश प्रसाद मण्ड ल। श्री अरविन्दत ठाकुर, डॉ योगानन्द झा, श्री केदार नाथ झा, डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम्‍ डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’क संग दीप प्रज्वलन कार्यक्रमकेँ आगाँ बढ़ौल गेल। श्रीमती कुसुमलता झा, श्री फुलेन्द्रप पाठक, राम सेवक ठाकुर एवम्‍ श्री राम किशोर सिंह स्वाबगत गीत एवम्‍ डॉ. योगेन्द्रर पाठक ‘वियोगी’क स्वादगत भाषणक संग पोथी लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। पाँच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे पहिल पोथी छल डॉ. योगेन्द्रा पाठक ‘वियोगी’क द्वारा अनुदित- ‘रोबो’। रोबो चेक भाषामे कारेल चापेक द्वारा लिखित ‘RUR’ नामक नाटक अछि, जेकर अंग्रेजी अनुवाद पॉल सेल्वपर नामक लेखक केलैन। रोबोक लोकार्पण श्री अरविन्दत ठाकुरजीक हाथे भेल। दोसर एवम्‍ तेसर पोथी छल श्री जगदीश प्रसाद मण्डरलक मौलिक कृति लघुकथा संग्रह- ‘बेटीक पैरुख’ तथा ‘क्रान्तिगयोग’। बेटीक पैरुख’क लोकार्पण केलैन- डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम्‍ ‘क्रान्ति‍योग’क लोकार्पण कर्ता छला- श्री दुर्गानन्दख मण्डललजी। चारिम पोथी छल श्री राम विलास साहुक रचित काव्यद संग्रह- ‘कोसीक कछेर’, जेकर लोकार्पण केलैन- श्री राजदेव मण्ड ल आ पाँचम पोथी छल श्री बेचन ठाकुर द्वारा रचित नाटक संचयन- ‘नबघर’। ‘नबघर’क लोकार्पण केलैन डॉ. शिव कुमार प्रसाद। लोकार्पित पाँचू पोथीक सन्दरर्भमे लोर्कापण कर्ता अपन-अपन संक्षिप्तु मनतव्य व्यंक्त केलैन। ‘रोबो’क सन्दकर्भमे श्री अरविन्दँ ठाकुर कहलैन- आइसँ करीब साए बर्ख पूर्व ऐ पोथीकेँ चेक भाषामे लिखल गेल छल, जेकरा मैथिली साहित्यूमे डॉ. ‘वियोगी’ भावा अनुवाद केलैन। ‘रोबॉट’क कपल्पजना कारेल चापेक आइसँ साए बर्ख पूर्व केने छला जे आइ अपना सबहक सोझ अछि। नाटकमे ईहो देखौल गेल अछि जे केना रोबॉट मानवक संहार करैए...। ‘बेटीक पैरुख’ कथा संग्रहक सन्दमर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- बेटीक पैरुख संग्रहक सभटा कथा महिला सशक्तीरकरणपर आधारित अछि। जँ पाठक आत्मदसात् करैथ तँ स्वुत: हुनकामे आत्मकनिर्भता केना जागि जेतैन यएह ऐ पोथीमे संकलित सभ कथाक उत्षँ अछि। ‘क्रान्तिपयोग’ लघु कथा संग्रहक सन्द‍र्भमे श्री दुर्गानन्दा मण्ड ल कहलैन- बेकती अपने-आपमे अपन गुण-दोष केना चिन्हिरत करता तथा दोष मुक्ता केना हेता, समयक संग चलबाक खगताकेँ केना बुझता तथा समयक संग मानवीय चेतनाकेँ जगबैत चलैले केना आ कोन बाटपर चलता इत्या‍दि ऐ संग्रहमे कथाकार अपन कथाक माध्ययमे कहलैन अछि। ‘कोसीक कछेर’ काव्यआ संग्रहक सन्द र्भमे श्री राजदेव मण्ड लजी कहलैन- कवि राम विलास साहुजी कोसी कातक वासी छैथ, कोसीक कछेरमे जीवन-यापन करै छैथ, अपन जीवनक अनुभवकेँ श्री साहुजी अपन काव्य सभमे बिना कोनो छान-बान्ह क एव धरी-धोखाक रखलैन अछि। ‘नबघर’ पोथीक सन्दकर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- ऐ पोथीमे चारि गोट नाटक/एकांकी अछि। चारू रचनामे वर्तमान समाजक दशा-दिशाकेँ नाटकरकार देखबैत अछि। लोकार्पण सत्रक पछाइत कथा सत्रमे प्रवेश भेल। अध्य क्ष मण्ड लक गठन भेल। श्री नारायण यादव, डॉ. योगानन्द झा, श्री अरविन्दअ ठाकुर आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल चयनित भेला। एवम् मंच संचालन हेतु डॉ. योगेन्द्रस पाठक ‘वियोगी’, श्री दुर्गानन्दश मण्डचल, उमेश मण्डुल तथा श्री नन्दन विलास राय। कुल सात पालीमे प्राय: तीन-तीन गोट कथा पाठ भेल एवम् पठित कथा सभपर आलोचक लोकैन आलोचना केलैन। विवरण निम्न अछि- पहिल पालीमे- 1. हमर भीतरका सियाना : अरविन्द ठाकुर 2. आशीर्वाद : राम विलास साहु 3. कौआ के बौआ : प्रीतम निषाद प्रथम पालीक पठित कथापर आलोचना केलैन- डॉ. शिव कुमार प्रसाद, नन्दन विलास राय, डॉ. योगानन्द झा। दोसर पाली- 4. विघटन : जगदीश प्रसाद मण्डल 5. दिलजान आंटी : शम्भुस सौरभ 6. कृतघ्न : आनन्दम मोहन झा आलोचना- कमलेश झा, नारायण यादव, दुर्गानन्द् मण्डल। तेसर पाली- 7. सरकार हम पापी छी : नन्दय विलास राय 8. संवेदनाक शरण : आनन्दन कुमार झा 9. घरवालीक झिरकी : लक्ष्मीय दास आलोचना- राजदेव मण्डदल, अरविन्द ठाकुर, राम विलास साहु तथा दुर्गानन्दॉ मण्डल। चारिम पाली- 10. जएह अपन सएह आन : अजय कुमार दास ‘पिन्टुठ’ 11. गामे बीरान भऽ गेल : कपिलेश्वर राउत 12. पथिक : विद्याचन्द्र झा आलोचना- गोविन्दाऽचार्य, कमलेश झा, उमेश मण्ड’ल, योगान्द् झा। पाँचिम पाली- 13. उपरारि जमीन : उमेश मण्डल 14. होनी-अनहोनी : नारायण यादव 15. स्वारर्थान्धा : बेचन ठाकुर आलोचना- योगेन्द्रा पाठक ‘वियोगी’, राजदेव मण्डडल, दुर्गानन्दस मण्डल। छठम पाली- 16. जुड़शीतल : शारदा नन्दण सिंह 17. निर्णय : योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’ 18. मानव आ माछ : राधाकान्ता मण्डल आलोचना- कपिलेश्वर राउत, प्रीतम निषाद, नन्द विलास राय। सातम पाली- 19. स्वाकभिमान : उमेश पासवान 20. विश्वास : आनन्द मोहन झा 21. होइ छै गोहाय : शारदा नन्दम सिंह 22. कर्मक फल : दुर्गानन्दन मण्डल आलोचना- कमलेश झा, आनन्दद झा, संजीव कुमार ‘शमा’ डॉ. शिव कुमार प्रसाद। ऐगला आयोजन अर्थात्‍ सगर राति दीप जरय’क 95म खेपक आयोजन लेल माला उठौलैन श्री नारायण यादवजी। नारायण यादवजी अवकाश प्राप्त शिक्षक छैथ, कथाकार एवं आलोचक सेहो छैथ। जयनगरमे रहै छैथ, डुमरा घर छिऐन। श्री यादवजी दीप-पंजी हस्तथगत करैत कहलैन- ‘ओना तँ हम रहै छी जयनगरमे मुदा जहिना सगर राति दीप जरयक यात्रा किछु दिनसँ गाम दिस मुखर अछि तहिना हमहूँ गामेमे अर्थात्‍ जलसैन डुमरामे पनचानबेअम आयोजन कराएब।’ हलाँकि भावी संयोजक आयोजनक तिथि सेहो निर्धारित क’ लेलाह मुदा ओ अखन दूमर्जा अछि तँए संभावित तिथि- सितम्बजर मासक पहिल शनि। 1990 इस्वीिसँ आइ धरिक 'सगर राति दीप जरय'क आयोजनक विवरण- (क्रम संख्या, स्थागनक नाओं एवं तिथि सहित- उमेश मण्डल) 1. मुजफ्फरपुर 21.01.1990 2. डेओढ़ 29.04.1990 3. दरभंगा 07.07.1990 4. पटना 3.11.1990 5. बेगुसराय 13.01.1991 6. कटि‍हार 22.04.1991 7. नवानी 21.07.1991 8. सकरी 22.10.1991 9. नेहरा 11.10.1992 10. वि‍राटनगर 14.04.1992 11. वाराणसी 18.07.1992 12. पटना 19.10.1992 13. सुपौल 1 18.10.1993 14. बोकारो 24.04.1993 15. पैटघाट 10.07.1993 16. जनकपुर 09.10.1994 17. इसहपुर 06.02.1994 18. सरहद 23.04.1994 19. झंझारपुर 09.07.1994 20. घोघरडीहा 22.10.1994 21. बहेरा 21.01.1995 22. सुपौल (दरभंगा) 08.04.1995 23. काठमांडू 23.09.1995 24. राजवि‍राज 24.01.1996 25. कोलकाता रजत जयंती 28.12.1996 26. महिषी 13.04.1997 क्र.सं. स्था4न ति‍थि 27. तरौनी 20.06.1997 28. पटना 18.07.1997 29. बेगूसराय 13.09.1997 30. खजौली 04.04.1998 31. सहरसा 18.07.1998 32 पटना 10.10.1998 33. बलाइन; नागदह 08.01.1999 34. भवानीपुर 10.04.1999 35. मधुबनी 24.07.1999 36. अन्दौ.ली 20.10.1999 37. जनकपुर 25.03.2000 38. काठमांडू 25.06.2000 39. धनबाद 21.10.2000 40. बि‍टठो 21.01.2001 41. हटनी(घोघरडीहा) 19.05.2001 42. बोकारो 25.08.2001 43. पटना (कि‍रणजयंती) 01.12.2001 44. राँची 13.04.2002 45. भागलपुर 24.08.2002 46. वि‍द्यापति‍ भवन पटना 16.11.2002 क्र.सं. स्था1न ति‍थि 47. कोलकाता 22.01.2003 48. खुटौना 07.06.2003 49. बेनीपुर 20.09.2003 50. दरभंगा 21.02.2004 51. जमशेदपुर 10.07.2004 52. राँची 02.10.2004 53. देवघर 08.01.2005 54. बेगूसराय 09.04.2005 55. पूर्णियाँ 20.06.2005 56. पटना 03.11.2005 57. जनकपुर (नेपाल) 12.08.2006 58. जयनगर 02.12.2006 59. बेगूसराय 10.02.2007 60. सहरसा 21.07.2007 61. सुपौल-2 01.12.2007 62. जमशेदपुर 03.05.2008 63. राँची 19.07.2008 64. रहुआ संग्राम 08.11.2008 65. पटना कथा गंगा-3 21.02.2009 66. मधुबनी 30.05.2009 67. मानारायटोल नरहन- समस्तीनपुर 05.09.2009 68. सुपौल- 3 05.12.2009 69. जनकपुर 03.04.2010 70. कबि‍लपुर (दरभंगा) 12.06.2010 71. बेरमा (झंझारपुर) स्थाान- मध्य वि‍द्यालय परि‍सर- बेरमा। (सार्वजनि‍क स्थलपर) 02.10.2010 72. सुपौल 04.12.2010 73. महि‍षी कथा राजकमल 05.03.2011 74. हजारीबाग 10.09.2011 75. पटना हीरक जयन्तीि 10.12.2011 76. चेन्नै 14.07.2012 77. दरभंगा कि‍रण जयन्ती 01.12.2012 क्र.सं. स्था2न ति‍थि 78. घनश्या2मपुर 09.03.2013 79. औरहा (लौकही) (सार्वजनि‍क स्थलपर) 15.5.2013 80. निर्मली (स्था न- मानि‍क राम-बैजनाथ बजाज धर्मशाला, सुभाष चौक, निर्मली- सुपौल) 30.11.2013 81. देवघर (स्था न- बि‍जली कोठी, बम्पारसटॉन, देवघर) 22.03.2014 82. मेंहथ (झंझारपुर) कथा बौध सि‍द्ध मेहथपा 31.05.2014 83. सखुआ-भपटि‍याही सार्वजनि‍क स्थाधन- उत्क्रठमि‍त मध्यन वि‍द्यालयल परिसर। 30.08.2014 84. बेरमा मध्या विद्यालय परिसर (बेरमा,मधुबनी) 20.12.2014 85. भागलपुर ‘श्या म कुंज’ (द्वारिकापुरी भागलपुर) 04.04.2015 86. लकसेना उनमुक्त0 आश्रमक गांधी सभा कक्ष जिला- मधुबनी 20.06.2015 87. श्या6मा रेसिडेन्सीी कॉम विवाह हॉल (एस.बी.आइ. केम्पस) निर्मली (सुपौल) 19.09.2015 88. मध्य9 विद्यालय- डखराम (बेनीपुर) 30.01.2016 89. लौकही स्थाीन: सूर्य प्रसाद उच्चे विद्यालय- लौकही 26.03.2016 90. लक्ष्मी0नियाँ (मधुबनी) 18.06.2016 91. गोधनपुर (मिथिला दीपसँ उत्तर) जिला- मधुबनी 24.9.2016 92. नवानी (मधुबनी) 31.12.2016 93. रतनसारा (घोघरडीहा) जिला- मधुबनी 25.03.2017 94. लौफा (मधेपुर) जिला- मधुबनी 24.06.2017 उमेश मण्डल-इतिहास- सगर राति दीप जरय सगर राति दीप जरय केर 91म आयोजन संयोजक : दुर्गानन्दर मण्डरल स्थाजन : मध्य‍ विद्यालय परिसर- गोधनपुर 24 September 2016 अयोजक : स्था नीय साहित्यप प्रेमी, गोधनपुर (मधुबनी) प्रस्तुeति‍ : उमेश मण्डाल मो. +91 9931654742 सगर राति‍ दीप जरय (कथा पाठ एवं परि‍चर्चा) 91म सगर राति दीप जरय:गोधनपुर- 24.09.2016 91म सगर राति दीप जरय : गोधनपुर (मधुबनी) स्थारन : उत्क्रनमित मध्यप विद्यालय परिसर नका चौक गोधनपुर 1. उद्घाटन सत्र- दीप प्रज्जसवलन : श्री जगदीश प्रसाद मण्डसल, डॉ. योगेन्द्री पाठक ‘वियोगी’, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री राजदेव मण्डपल आ श्री शम्भु सौरभ। स्वापगत गीत : श्री राधाकान्तस मण्डुल। स्वापगत भाषण : संयोजक दुर्गानन्द मण्ड।ल। दू शब्दज : श्री अरविन्दन ठाकुर, श्री योगेन्द्रध पाठक वियोगी आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डलल। एवं सत्रक संचालन : उमेश मण्ड ल। 2. पोथी लोकार्पण सत्र- अध्यलक्ष मण्डरल : डॉ. योगानन्द, झा, श्री राजदेव मण्डोल, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री गिरिजानन्दक झा एवं अजीत झा आजाद, पहिल लोकार्पण- श्री दुर्गानन्दो मण्डीलक मौलिक पहिल कृति ‘कथा कुसुम’ (लघु कथा संग्रह) : लोकार्पणकर्ता- अध्य क्ष मण्डगलक संग उपस्थिझत समस्तझ साहित्यल प्रेमी आ साहित्यसकार। दोसर लोकार्पण- श्री जगदीश प्रसाद मण्डवलक मौलिक पचपनम कृति ‘गुलेती दास’ (लघु कथा संग्रह) : लोकार्पणकर्ता- अध्य क्ष मण्डडलक संग उपस्थिमत समस्त साहित्यय प्रेमी आ साहित्यगकार। लोकार्पण उद्वोधन- डॉ. योगानन्दड झा, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री राजदेव मण्डाल आ श्री अजीत झा आजाद। सत्रक संचालन- उमेश मण्डशल। 3. कथा सत्र- अध्यकक्ष मण्डगल- डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री राम विलास साहु, श्री बेचन ठाकुर, श्री शिव कुमार मित्र आ श्री शम्भु सौरभ। पहिल पालीक संचालन- श्री अजीत झा आजाद कथा पाठ, पहिल पालीमे : 1. ओ अनहरिया राति- (श्री ऋृषि बशिष्ठश) 2. जी-दाँत- (श्री बेचन ठाकुर) 3. बतीसोअना- (श्री जगदीश प्रसाद मण्ड)ल) पहिल पालीक पठित कथा सभपर समीक्षा- डॉ. योगानन्द‍ झा, पंडित बाल गोविन्द् यादव आचार्य, श्री अरविन्दल ठाकुर, श्री अनील कुमार ठाकुर, श्री शारदा नन्द् सिंह तथा डॉ. शिवकुमार प्रसाद। दोसर पाली- संचालन : श्री संजीव कुमार ‘शमा’ कथा पाठ- 1. हमर लॉटरी निकलल- (श्री नन्दा विलास राय) 2. छिटकी- (श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टुस’) 3. पढ़ए फारसी बेचए तेल- (डॉ. योगेन्द्रा पाठक वियोगी) 4. करोड़पति- (डॉ. योगेन्द्रो पाठक वियोगी) 5. भिनसुरका जतरा- (श्री बेचन ठाकुर) समीक्षा- श्री राजदेव मण्ड(ल, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री शिव कुमार मिश्र आ श्री दुर्गानन्दर मण्डुल। तेसर पाली- संचालक : श्री नन्दे विलास राय कथा पाठ- 1. भैयारी- (श्री शंभु सौरभ) 2. बेटीक बाप- (श्री आनन्दस मोहन झा) 3. विडम्बबना- (श्री शारदानन्द सिंह) 4. स्वमयंभू- (श्री अरविन्द् ठाकुर) समीक्षा- श्री अजीत झा आजाद, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री अनील ठाकुर, श्री राम विलास साहु आ पंडित बाल गोविन्दप यादव आचार्य। चारिम पाली- संचालक : श्री नन्दा विलास राय। कथा पाठ- 1. कचोट- (श्री संजीव कुमार ‘शमा’) 2. शंका- (श्री कपिलेश्वर राउत) 3. हँ-निहँस- (श्री अखिलेश कुमार मण्डशल) समीक्षा- श्री ऋृषि बशिष्ठ , श्री अरविन्द‍ ठाकुर, श्री राम विलास साहु, आ श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु।’। पाँचिम पाली- संचालक : उमेश मण्ड ल कथा पाठ- 1. मकड़ाक जाल- (श्री शिवकुमार मिश्र) 2. विपैत- (श्री राम विलास साहु) समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डिल, डॉ. योगानन्द, झा आ डॉ शिव कुमार प्रसाद। अन्त्मे अध्य्क्षीय उद्वोधन- तथा धन्यडवाद ज्ञापन तथा दीप एवं पंजीक हस्ताीन्तआरण। सगर राति दीप जरय केर 92म आयोजन मधुबनी जिलाक नवानी गाममे श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टुश’ जीक संयोजकत्वदमे अही सालक अन्तिसम मासमे...। 90म सगर राति दीप जरय स्थान : लक्ष्मिनिया गाम तिथि : 18 जून 2016 ९०म खेपक दीप सगर राति लक्ष्मी्नियाँमे जरल स्वष. नेवी भगत केर स्मृ0तिमे ‘सगर राति दीप जरय’क ९०म आयोजन काल्हि। साँझमे आरम्भर भेल जे आइ भोरमे इति भेल। ई खेप श्री राम विलास साहुजीक संयोजकत्व मे छल जेकर आयोजक समस्तक लक्ष्मीेनियाँ गामक साहित्य प्रेमी छला। ऐ गोष्ठी क अवसरपर तीनटा कथा संग्रहक लोकार्पण भेल। पहिल ‘अंकुर’ कथा संग्रह श्री राम विलास सहुजीक आ दोसर एवं तेसर क्रमश: ‘गाछपर सँ खसला’ आ ‘डभियाएल गाम’ श्री जगदीश प्रसाद मण्डंलजीक। ऐ तीनू पोथीक लोकार्पण गाष्ठीामे उपस्थिरत समस्तम साहित्याकार एवं साहित्य’ प्रेमीक हाथे भेल। दीप प्रज्ल्ी न सेहो सम्मिणलिते रूपे भेल। कथा संत्रक अध्यतक्ष मण्डालमे श्री अरविन्दर ठाकुर, श्री राजदेव मण्डवल आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डिलक चयन कएल गेल। तहिना संचालन समितिमे सेहो तीन गोट व्यिक्ति क चयन क्रमश श्री नन्द विलास राय, श्री दुर्गानन्द मण्डलल तथा उमेश मण्डसलक भेल। ऐगला आयोजन श्री दुगानन्द मण्डनलजीक संयोजकत्वडमे दीप-गोधनपुर गाममे जरत। प्रत्येशक पालिमे प्राय: तीन-तीन कथा पाठ आ तैपर तीन-चारि समीक्षकक समीक्षा होइत रहल। प्रस्‍तुत अछि पहिल पालीसँ अन्तिेम पालि धरिक पठित कथाक नाओं एवं कथाकारक नाओं- १. असली परिचय : राजदेव मण्डंल २. चोटक कचोट : शम्भुव सौरभ ३. मिड डे मिल : शारदा नन्दड सिंह ४. अपन जाति : नन्दश विलास राय ५. ई भाव हुनकामे जगए : रतन कुमार रवि ६. देवगनाह : गौड़ी शंकर साह ७. असाध्यह पिता : फागुलाल साहु ८. कुत्ताक डीह : कपिलेश्वफर राउत ९. मरियाएल मन : जगदीश प्रसाद मण्डरल १०. स्वामभिमान : दुर्गानन्दण मण्डाल ११. खिचड़ी मोछ : लक्ष्मी् दास १२. रिमझिम : उमेश नारायण कर्ण १३. पैयाही बुधि : उमेश मण्डाल १४. बेंगक महंथी : राम विलास साहु १५. शंकाक बेमारी : ललन कुमार कामत १६. नेनाक बहादुरी : उमेश नारायण कर्ण १७. श्रोता बनल कथाकार : शारदा नन्द् सिंह १८. परतर : अरविन्द कुमार ठाकुर १९. डेरा गेल छी : राजदेव मण्ड ल ‘रमण’ 89म सगर राति दीप जरय लौकहीमे श्री उमेश पासवान द्वारा ‘दलित विषयक कथा केन्द्रित २६ मार्च २०१६ केँ उच्च विद्यालय परिसर- लौकहीमे 88 म सगर राति दीप जरय 88म कथा-साहित्यज गोष्ठीय डखराममे सम्पहन्न भेल डखराम (बेनीपुर) मुखियाजी श्री अमर नाथ झाक आयोजकत्वे आ श्री कमलेश झाक संयोजकत्वतमे ‘सगर राति दीप जरय’क 88म कथा-साहित्यम गोष्ठी् 30 जनवरीक साँझमे शुरू भेल। जेकर उद्घाटन सम्लिमण त रूपे श्री जगदीश प्रसाद मण्डेल, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री राजदेव मण्डजल, श्री नन्दा विलास राय, श्री फागुलाल साहु, श्री शारदा नन्द सिंह, श्री उमेश पासवान, श्री कपिलेश्वर राउ, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री शम्भुा सौरभ श्री तथा श्री राम विलास साहु केलैन। उद्घाटनक पछाइत स्वा्गत गीत सेहो सम्मिीलित रूपे समवैत स्वारमे श्री राधाकान्तर मण्डहल तथा श्री रामदेव प्रसाद मण्डरल झारूदार गौलैन आ स्वाजगत भाषण श्री कमलेश झा कहलैन- ‘1990 इस्वीलसँ ‘सगर राति दीप जरय’क आरम्भि यात्रा शुरू भेल जे चलैत-चलैत आब ओइ तहपर चलि आएल अछि जेतए खॉंटी माटिक सुगन्धतसँ सुगन्धिात कथाक लेखन एवं पठन भऽ रहल अछि...।’ उद्घाटन सत्रक पछाइत लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। श्री जगदीश प्रसाद मण्डेलक दूटा पोथी, पहिल एगच्छाे आमक गाछ (कथा संग्रह) आ दोसर ठूठ गाछ (उपन्याेस)क लोकार्पण सम्मिपलित रूपे भेल। तथा ‘खसैत गाछ’ (लघु कथा संग्रह) नामक पोथीक वितरण सेहो भेल। क्रमश: कथा सत्रमे प्रवेश भेल। छह पालीमे कथाक पाठ। जइमे श्री उमेश नारायण कर्ण- ‘मौनी बाबा, अलवत्त छोड़ी’ शीर्षकक दूटा कथा पढ़लैन। श्री राजदेव मण्डकल- एडजस्टगमेन्टव, श्री राम विलास साहु- जाति, श्री शारदा नन्दे सिंह- ‘आशातीत’ तथा ‘पलटा माय’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डाल- ‘एगच्छा आमक गाछ’, श्री लक्ष्मी’ दास- बापक धरम, श्री ललन कुमार कामत- बाबाक लोटा, श्री शम्भूा सौरभ- परम्पाराक बलि, श्री फागु लाल साहु- अछूत, श्री शिव कुमार मिश्र- व्यसवहार तथा प्रौहित्यी, श्री कपिलेश्व्र राउत- घूर लगक गप, अखिलेश मण्डाल- गढ़ैनगर हाथ, तथा अपने (उमेश मण्डमल) पढ़लौं- ‘अपने गरदैन कटलौं।’ पठित कथा सभपर एक-सँ-एक समीक्षा सेहो भेल। डॉ. शिव कुमार प्रसाद, पण्डिलत बाल गोविन्दप आर्य ‘गोविन्दासचार्य’, श्री फागु लाल साहु, राधाकान्तम मण्ड्ल तथा श्री कमलेश झा विषद रूपे समीक्षा कार्य केलैन। मुदा श्री राजदेव मण्ड‍ल, श्री शारदा नन्दा सिंह, श्री कपिलेश्वडर राउत, श्री उमेश पासवान, श्री शिवकुमार मिश्र, श्री राजा राम यादव, श्री नन्दु विलास राय तथा अपने (उमेश मण्डरल) सेहे समीक्षा कार्यमे भाग लेलौं। अगिला गोष्ठी्क भार लैत श्री उमेश पासवान कहलैन- 89म सगर राति दीप जरय- लौकही (जिला मधुबनी)मे कराएब। जेकर हकार मंचेसँ दऽ रहल छी जे 89म गोष्ठी-मे ‘दलित विषयक कथाक विशेष स्वाडगत होएत।’ ऐ तरहेँ 88म गोष्ठीीक समापन भेल। 89 गोष्ठीर लौकहीमे श्री उमेशजी करौता। सम्भतव जे मार्चक अन्ति म शनिकेँ होएत। उमेश मण्डएल 88म कथा-साहित्यो गोष्ठीस डखराममे सम्पीन्न भेल :: डखराम (बेनीपुर)क मुखियाजी श्री अमर नाथ झाक आयोजकत्वठ आ श्री कमलेश झाक संयोजकत्व मे ‘सगर राति दीप जरय’क 88म कथा-साहित्यल गोष्ठीज 30 जनवरीक साँझमे शुरू भेल। जेकर उद्घाटन सम्लिकार त रूपे श्री जगदीश प्रसाद मण्डजल, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री राजदेव मण्डाल, श्री नन्दा विलास राय, श्री फागुलाल साहु, श्री शारदा नन्दम सिंह, श्री उमेश पासवान, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री शम्भुा सौरभ तथा श्री राम विलास साहु केलैन। उद्घाटनक पछाइत स्वारगत गीत सेहो सम्मिरलित रूपे समवैत स्वमरमे श्री राधाकान्तस मण्डाल तथा श्री रामदेव प्रसाद मण्डसल झारूदार गौलैन आ स्वारगत भाषण करैत श्री कमलेश झा कहलैन- ‘1990 इस्वीलसँ ‘सगर राति दीप जरय’क आरम्भस यात्रा शुरू भेल जे चलैत-चलैत आब ओइ तहपर चलि आएल अछि जेतए खॉंटी माटिक सुगन्धमसँ सुगन्धिशत कथाक लेखन एवं पठन भऽ रहल अछि...।’ उद्घाटन सत्रक पछाइत लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। श्री जगदीश प्रसाद मण्डतलक दूटा पोथी, पहिल एगच्छान आमक गाछ (कथा संग्रह) आ दोसर ठूठ गाछ (उपन्याटस)क लोकार्पण सम्मिछलित रूपे भेल। तथा ‘खसैत गाछ’ (लघु कथा संग्रह) नामक पोथीक वितरण सेहो भेल। क्रमश: कथा सत्रमे प्रवेश भेल। छह पालीमे कथाक पाठ भेल। जइमे श्री उमेश नारायण कर्ण- ‘मौनी बाबा, अलवत्त छोड़ी’ शीर्षकक दूटा कथा पढ़लैन। श्री राजदेव मण्ड ल- एडजस्टममेन्टल, श्री राम विलास साहु- जाति, श्री शारदा नन्दड सिंह- ‘आशातीत’ तथा‘पलटा माय’, श्री जगदीश प्रसाद मण्ड।ल- ‘एगच्छार आमक गाछ’ तथा हहौती, श्री लक्ष्मीन दास- बापक धरम, श्री ललन कुमार कामत- बाबाक लोटा, श्री शम्भूा सौरभ- परम्पनराक बलि, श्री फागु लाल साहु- अछूत, श्री शिव कुमार मिश्र- व्यावहार तथा प्रौहित्यद, श्री कपिलेश्वसर राउत- घूर लगक गप, अखिलेश मण्डाल- गढ़ैनगर हाथ, तथा अपने (उमेश मण्डौल) पढ़लौं- ‘अपने गरदैन कटलौं।’ पठित कथा सभपर एक-सँ-एक समीक्षा सेहो भेल। डॉ. शिव कुमार प्रसाद, पण्डिलत बाल गोविन्दा आर्य ‘गोविन्दासचार्य’, श्री फागु लाल साहु, राधाकान्तम मण्ड्ल तथा श्री कमलेश झा विषद रूपे समीक्षा कार्य केलैन। संगे श्री राजदेव मण्ड‍ल, श्री शारदा नन्दा सिंह,श्री कपिलेश्व र राउत, श्री उमेश पासवान, श्री शिवकुमार मिश्र, श्री राजा राम यादव, श्री नन्दश विलास राय, राम विलास साहु, उमेश नारायण कर्ण तथा अपने (उमेश मण्डरल) सेहे समीक्षा कार्यमे भाग लेलौं। अगिला गोष्ठीडक भार लैत श्री उमेश पासवान कहलैन- 89म सगर राति दीप जरय- लौकही (जिला मधुबनी)मे कराएब। जेकर हकार मंचेसँ दऽ रहल छी जे 89म गोष्ठीतमे ‘दलित विषयक कथाक विशेष स्वाथगत होएत।’ ऐ तरहेँ 88म गोष्ठीकक समापन भेल। 89 गोष्ठीठ लौकहीमे श्री उमेशजी करौता। सम्भकव जे मार्चक अन्तिेम शनिकेँ होएत। ८७म सगर राति दीप जरय सगर राति दीप जरल- ८७म कथा-साहित्यी गोष निर्मली, दिनांक 19 सितम्बयर 2015 : सगर राति दीप जरय समिति- निर्मलीक प्रस्तु तिमे शहरक विशालकाय विवाह भवन- श्यांमा रेसिडेन्सीप- सभागार-मे सगर राति दीप जरय केर 87म गोष्ठी ‘कथा तिलजुगा’क शुभारम्भन 6:30 बजे भेल। जेकर उद्घाटन सम्मिनलित रूपे केलैन, नेतरहाट उच्चततर माध्य मिक विद्यालयक पूर्व प्राचार्य डॉ. दुर्गा प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साह महाविद्यालयक पूर्व एवं वर्तमान प्राचार्य द्वय डॉ राम अशीष सिंह, डॉ. विमल कुमार राय, प्रखण्डस विकास पदाधिकारी श्री सुशील कुमार, जिला पार्षदक पूर्व सदस्या श्रीमती आशा देवी, श्यावमा रेसिडेन्सीटक निर्माणकर्ता श्री सत्यी नारायण प्रसाद साहु तथा सी.एम.बी. कॉलेजक हिन्दीी विभागाध्य क्ष सह मैथिली साहित्यीक चर्चित साहित्यककार प्रो. धीरेन्द्रा कुमार। अवसरपर श्री रामदेव प्रसाद मण्डयल ‘झारूदार’ स्व् रचित गीत- “करू स्वादगत स्वीमकार हे प्रियवर, हम नै अपनेक योग्यद...।”सँ स्वातगत केलैन, तथा धन्यिवाद ज्ञापनक संग स्वा्गत-भाषण केलैन, प्रोफेसर द्वय डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. श्रीमोहन झा। ऐ तरहें उद्घाटन सत्रसँ पोथी लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। सत्रक मुख्यि अतिथि, बिहार अति पिछड़ा प्रकोष्ठउक सदस्यो मो. शरफराज अहमद संगे विशिष्ठत अतिथि रहैथ- डॉ श्या्मानन्द- चौधरी, डॉ. सुरेन्द्री प्रसाद सिंह, श्री अशोक कुमार मिश्र, श्री शंभु सौरभ, श्री दुर्गानन्दत मण्डपल, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री श्रीकृष्णड राम, श्री अजय कुमार दास, श्री नागेश्वर कामत, श्रीमती विभा कुमारी, श्रीमती अनुपम कुमारी, श्री मनोज कुमार साह उर्फ चन्दीनजी, श्री जे. के. आनन्दत, श्री रतन कुमार रवि, श्री विनोद कुमार गोप, श्री राम प्रवेश मण्डरल तथा श्री रामलखन भण्डा,री, तथा सत्रक अध्यशक्षता केलैन- समर्पणक चेअरमेन श्री दुर्गानन्दा मण्डरल, मध्यण विद्यालयक शिक्षक मो. ए.के. मंजूर, सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, श्री विनोद कुमार तथा मध्य विद्यालयक प्राचार्य श्री नारायण प्रसाद सिंह। पॉंच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे टैगोर साहित्यन पुरस्का।रसँ पुरस्कृात एवं विदेह भाषा सम्माजनसँ सम्मागनित साहित्येकार श्री जगदीश प्रसाद मण्ड।ल रचित चारि गोट पोथी- ‘गुड़ा-खुद्दीक रोटी’, ‘फलहार’, ‘लजबिजी’ आ ‘गामक शकल-सूरत’ लघुकथा संग्रहक छल आ पॉंचम- ‘विदेह’ आ ‘वैदेह’ द्वय सम्माबनसँ सम्माजनित साहित्येकार श्री राजदेव मण्डूल रचित पोथी- ‘जाल’ (पटकथा) रहए। पाँचू पोथी भरि सभागारमे वितरणो भेल। भाड़ी संख्याभमे विद्वत-श्रोतागणक उपस्थि‍ति सेहो छल। जेना- इतिहासक विभागाध्य क्ष प्रो. जय प्रकाश साहु, अधिवक्ता सह पत्रकार श्री रौशन कुमार गुप्ता , श्री सागर कुमार साहु, श्री विष्णु कुमार गुप्ताय, श्री टुनटुन कामत, श्री राम नरेश यादव, श्री अजय कुमार गुप्ता , श्री आलोक कुमार ‘नाहर’, श्री राम विलास सिंह, श्री बिहारी मण्ड ल, श्री राज कुमार यादव, श्री बद्रीलाल यादव, श्री राम नारायण कामत, श्री रामकृष्णस ठाकुर, श्री राजदेव मण्ड ल, श्री अरविन्दा कुमार मण्डशल, श्री राजेश पासवान, श्री संजीव कुमार, ई. आशुतोष कुमार, श्रीमती आराधना मिस्टी , श्री चन्द्रय भूषण झा ‘राधव’, श्री मनोज कुमार झा, श्री राजकुमार मिश्र, श्री अरविन्दक यादव, श्री विनय कुमार रूद्र, श्री बिलट मण्डषल, श्री रामबाबू कामत, श्री दशरथ प्रसाद यादव, श्री राम अशीष मण्डमल, श्री लक्ष्मीय मण्डील, डॉ. विष्णुरदेव ठाकुर, श्री गोपाल गिरि, श्री राजाराम यादव, संतोष कुमार पाण्डेणय, श्री सत्यल नारायण महतो, सुश्री काजोक कुमारी, श्री मदन महतो, श्री शम्भुर कमार साह, श्री योगीलाल कामत, श्री हजारी प्रसाद साहु, तथा अवकाश प्राप्तु शिक्षक श्री अशर्फी साहु इत्यानदि-इत्याशदि। क्रमश: आगू बढ़ैत कथा सत्रमे प्रवेश कएल...। ऐ सत्रक अध्य क्षता केलैन ‘सखारी-पेटारी’ कथा संग्रहक कथाकार श्री नन्द् विलास राय, ‘रथक चक्का उलैट चलै बाट’क कवि श्री राम विलास साहु, ‘उलहन’ कथा संग्रहक कथाकार श्री कपिलेश्वर राउत तथा अशर्फी दास साहु समाज इण्टकर महिला महाविद्यालय- निर्मली केर मैथिली विभागाध्याक्ष प्रो. हेम नारायण साहु। सात पालीमे विभक्त पच्चीमस गोट कथा पाठ भेल, समीक्षा भेल। ऐ तरहें तीनू सत्रक समापन भेल। जेकर संचालक छला- श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री भारत भूषण झा, श्री दुर्गानन्दा मण्डाल तथा श्री उमेश मण्ड ल। अन्तिकम सत्र ‘अगिला गोष्ठी केतए’मे प्रवेश भेल। चारि गोट प्रस्तापव आएल, पहिल- श्री रोहित कुमार सिंहक दरभंगा लेल मार्च 2016. श्री दुखन प्रसाद यादवक ‘धबही’ लेल जून 2016 तथा दिसम्बिर 2015क गोष्ठीह लेल दूटा, प्रथम- श्री कमलेश झाक ‘डखराम’ लेल तथा श्री राजदेव मण्ड2लक ‘रतनसारा-मुसहरनियॉं’ लेल। सभामे बैसल समस्तपक विचारपर अध्यलक्ष मण्डकल द्वारा निर्णय भेलैन- डखराम। अत: अगिला गोष्ठीा श्री कमलेश झाक संजोजकत्वथमे दरभंगा जिलाक बेनीपुर अनुमण्ड‍ल अन्तिर्गत ‘डखराम’ गाममे होएत। भावी संयोजक श्री कमलेश झाकेँ वर्तमान संयोजक श्री उमेश मण्डलल दीप तथा पंजी समर्पित केलैन। अन्त मे, धन्य वाद ज्ञापनमे, बाहरसँ आएल साहित्य कार, स्था नीय साहित्य्कार एंव सहयोगी तथा विशेष सहयोगीकेँ संयोजक धन्य वाद-नमन केलैन। ऐ तरहें सगर रातिक कथा शेष भेल। निम्न अछि- क्रमानुसार पठित कथाक नओं, कथाकारक नाओं, तथा समीक्षकक सुची, संगे सगर राति दीप जरय समिति- निर्मली केर सक्रिय कार्यकर्ता, संचालक तथा विशेष सहयोगीक सेहो। कथा पाठ एवं समीक्षा : पहिल पाली- १. फ्रेण्ड : पल्ल,वी कुमारी २. सभसँ कठिन जातिक अपमान : रतन कुमार ‘रवि’ ३. अवाक् : राजदेव मण्डलल समीक्षा : डॉ. विमल कुमार राय, डॉ. श्याोमानन्दी चौधरी, डॉ. राम अशीष सिंह। दोसर पाली- ४. अवसरवाद : अजय कुमार दास ५. ऊपर फरकी मामीक सराध : लक्ष्मी दास ६. हाथी आ मूस : जगदीश प्रसाद मण्डुल समीक्षा : श्री कमलेश झा, श्री दुर्गानन्दद मण्डहल (बनरझूला) श्री दुर्गानन्दज मण्डंल। तेसर पाली- ७. बबाजीक मकड़जाल : संजीव कुमार ‘शमा’ ८. शैतान आ भगवान : दुर्गानन्दर मण्डमल ९. सहोदरा नै बना पेलौं : उमेश मण्डगल समीक्षा : डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. विमल कुमार राय, डॉ. श्या्मानन्द‍ चौधरी, डॉ. राम अशीष सिंह। चारिम पाली- १०. समाजक हाल : रोहित कुमार सिंह ११. इज्जमतक सवाल : राम विलास साहु १२. हैवानक संग सधमुहोँ : दुखन प्रसाद यादव १३. बाल बोध : शम्भु सौरभ १४. एक दिन हमरो : शारदा नन्द सिंह समीक्षा : श्री फागु लाल साहु, श्री सुशील कुमार साह, श्री राजदेव मण्ड,ल ‘रमण’। पॉंचिम पाली- १५. सिद्धि साध्ये : उमेश नारायण कर्ण ‘कल्पशकवि’ १६. श्रोता : अशोक कुमार मिश्र १७. फ्रॉडिज्मध : शिव कुमार मिश्र १८. कर्मक फल : फागु लाल साहु समीक्षा : श्री राजदेव मण्डफल, श्री रतन कुमार ‘रवि’, श्री कमलेश झा। छठम पाली- १९. आब कहू : नन्द‍ विलास राय २०. हमर समाज : कौशल झा २१. खुशी : पंकज कुमार ‘प्रभाकर’ २२. मौखिक : राधाकान्तझ मण्डरल २३. मनुखक मोल : सुशील कुमार समीक्षा : श्री राम विलास साहु, श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री उमेश मण्डमल। सातम पाली- २४. एकटा आर : शारदानन्द सिंह २५. बरियातीमे गारि : लक्ष्मीि दास समीक्षा : डॉ श्याामानन्दा चौधरी, श्री कमलेश झा। ....................... श्री संजय कुमार मण्ड.ल, श्री सत्रुघ्नी कुमार मण्डेल, श्री विनोद ठाकुर, श्री सुजीत कुमार साहु, श्री अखिलेश कुमार मण्डकल, श्री शशि भूषण कुमार, श्री संतोष कुमार राय आदि। श्री सुरेश महतो, श्री मुकुल प्रसाद साहु, श्री सुरेन्द्रा प्रसाद यादव, श्री विनोद कुमार तथा उमेश मण्डाल। श्री सत्यश नारायण प्रसाद साहु, श्री नारायण प्रसाद सिंह, श्री पिंकु पंसारी, श्री राम प्रकाश साहु, श्री देवेश कुमार सिंह, श्री प्रभाष कुमार कामत, श्री मनोज कुमार शर्मा, श्री देवेश कुमार सिंह, श्री रामनाथ गुप्ताा, श्री राम लखन भण्डासरी, श्री अखिलेश चौधरी, श्री राम सुन्द्र र साहु, प्रो. धीरेन्द्रप कुमार तथा डॉ. विमल कुमार राय...। समाद : पुनम मण्डाल। 86म दीप सरग राति जरल मधुबनी जिलाक फुलपरास अनुमण्ड‍लक ‘लकसेना’ गाममे 20 जून 2015 केँ 86म ‘सगर राति दीप जरय’ (कथा-साहित्यज गोष्ठीम) क आयोजन ‘उन्मुाक्त0’क सौजन्य2सँ श्री राजदेव मण्डरल ‘रमण’क संयोजकत्वतमे आयोजित भऽ सफल भेल। ऐ अवसरिपर श्री जगदीश प्रसाद मण्ड लक दूटा पोथी क्रमश: ‘पसेनाक धरम’ आ ‘मधुमाछी’ (लघु कथा संग्रह)क लोकार्पणक संग वितरण भेल। संगे हालहिमे प्रकाशित डॉ. रंगनाथ दिवाकार (मूल नाम- रंगनाथ चौधरी)क लधु कथा संग्रह ''भखरैत नील रंग'' किछु कथाकारकेँ देल गेलनि। अगिला गोष्ठीमसुपौल जिला अन्तधर्गत ‘निर्मली’मे हएत से सर्वसम्मरतिसँ निर्णए भेल। फोटोक संग ब्रेकिंग न्यूधज निम्न अछि- संयोजक- श्री राजदेव मण्डिल ‘रमण’ आयोजक- उन्मुयक्ते उद्घाटन- डॉ. खुशीलाल मण्डडल, डॉ. योगेन्द्रल पाठक ‘वियोगी’, श्री भोगेन्द्रण यादव ‘भाष्कमर’, श्री कमलेश झा, श्री जगदीश प्रसाद मण्डनल, श्री राजदेव मण्डडल, डॉ. शिव कुमार प्रसाद। दू शब्द्- श्री कमलेश झा, श्री नन्दव विलास राय, श्री बाल गोविन्द। यादव ‘गोविन्दाशचार्य’ अध्यबक्ष मण्डॉल- श्री दुर्गानन्द् मण्डिल (बनरझूला), श्री भोगेन्द्रव यादव ‘भाष्क्र’ (अवकाश प्राप्तय शिक्षक), डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. योगेन्द्रद पाठक ‘वियोगी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डोल आ श्री कमलेश झा। संचालन समिति- श्री दुर्गानन्द् मण्डठल आ उमेश मण्ड ल पोथी लोकार्पण- श्री जगदीश प्रसाद मण्डदलक दूटा लघु कथा संग्रह क्रमश: (1) पसेनाक धरम, (2) मधुमाछी। पहिल पोथीक लोकार्पण कर्ता- प्रो. खुशीलाल मण्ड ल, प्रो. राम विलास राय आ डॉ.योगेन्द्रे पाठक ‘वियोगी’। दोसर पोथीक लोकार्पण कर्ता- श्री भोगेन्द्रश यादव ‘भाष्क र’, श्री रतन कुमार ‘रवि’ आ श्री कमलेश झा। कथा पाठ- पहिल सत्र- (1) चोरविद्या- पल्ल वी कुमारी (2) केतौ किछु होउ- लक्ष्मीी दास (3) टोन- दीन बन्धुक झा समीक्षा- श्री कमलेश झा, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री राजदवे मण्ड ल, बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दा’चार्य’ दोसर सत्र- (4) भगवनान भरोष- ललन कुमार कामत (5) सपनेमे बीति गेल जिनगी- संजीव कुमार ‘शमा’ (6) शबनम- उमेश नारायण कर्ण (7) मुड़नक मुर- उमेश मण्डंल समीक्षा- श्री राम विलास साहु, डॉ. योगेन्द्र् पाठक ‘वियोगी’, श्री शम्भुव ‘सौरभ’, दुर्गा नन्दा मण्डशल (बनरझूला) तेसर सत्र- (8) सस्ताक रोबे वार-वार- डॉ. योगेन्द्र् पाठक ‘वियोगी’ (9) गंगा सुखा गेल- डॉ. योगेन्द्रॉ पाठक ‘वियोगी’ (10) गंगा नहाएब- राम विलास साहु (11) टुटैसँ बँचि गेल- दुर्गानन्दक मण्डवल समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्ड्ल, श्री भोगेन्द्रर यादव ‘भाष्कीर’, श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री राजदेव मण्ड‍ल आ उमेश मण्डकल। चारिम सत्र- (12) शिक्षाक अन्तिजम उद्देश्यम- नन्द विलास राय (13) वेस्ताता- बेचन ठाकुर (14) छोटू- शम्भुि सौरभ समीक्षा- श्री शारदा नन्द सिंह, श्री कमलेश झा, श्री अजय कुमार ‘पिण्टू्’ पाँचम सत्र- (15) तितल बिलाड़ि- शिवकुमार मिश्र (16) आब कहिया चेतब- कपिलेश्वर राउत (17) लाचारी- गौड़ी शंकर साह समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्ड ल, योगेन्द्रश पाठक ‘वियोगी’, श्री नन्दू विलास राय। छठम सत्र- (18) पहपटि- जगदीश प्रसाद मण्डहल (19) इजोरिया राति- जगदीश प्रसाद मण्डलल (20) खलिया बन्दूिक भटाभटि- शारदा नन्दव सिंह समीक्षा- श्री कमलेश झा, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री बाल गोविन्द’ ‘गोविन्दा‍चार्य’, श्री दुर्गा नन्दल मण्डमल (बनरझूला) ८५ म सगर राति दीप जरय ‘कथा गंगा’मे सगर राति दीप जरल- ‘सगर राति दीप जरय’ एक ओहन मंचक नाओं छी, जइ मंचपर सभ वर्गक साहित्य्कार भाग लइ छथि, जाइ-अबै छथि तथा भाषा-साहित्य क विकासक लेल विचार-विमर्श करै छथि। तँए ई ‘सगर राति दीप जरय’ मैथिली भाषा-साहित्ययक सभसँ श्रेष्ठव मंच कहबैत अछि। एकर आयोजन जगह-जगह प्राय: तीन मासक अन्तारालपर १९९० ई.सँ होइत आबि रहल अछि। ८५म गोष्ठीस श्री ओम प्रकाश झाक संयोजकत्वं आ मिथिला परिषद केर प्रस्तुजतिमे भागलपुरक द्वारिकापुरी स्थि त ‘श्याओम कुंज’मे आयोजित भेल जेकर उद्धघाटन वरिष्ठत समालोचक डॉ. प्रेम शंकर सिंह, ‘विदेह’ एवं टैगोर सम्मानसँ सम्मानित साहित्याकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डेल, तिलकामाझी विश्वविद्यालयक मैथिली विभागाध्यमक्ष डॉ. केष्ककर ठाकुर, डॉ. शिव प्रसाद यादव एवं अवकाश प्राप्तम शिक्षक दुखमोचन झा संयुक्ते रूपे दीप नेसि केलनि। पछाति एक विशिष्ठओ अध्य्क्ष मण्डदल एवं संचालन समितिक निर्माण करि गोसाउनिक गीत, स्वािगत गान एवं स्व्स्तिम वाचनसँ साँझक छह बजे गोष्ठीिक शुभारम्भस भेल, रातिक १२:३० बजे घण्टान भरिक भोजनावकाश भेल, जइ शुन्य कालमे, भोजनक पछाति, संयोजक- सह गजलकार ओम प्रकाशजी अपन नव रचित दूटा गजल सुना कथाकार सभ साहित्युकार-साहित्यम प्रेमीकेँ साहित्यठ-रसमे बोरि देलनि। पुन: कथा पाठ आ समीक्षाक क्रमकेँ आगू बढ़ौल गेल। जे चलैत-चलैत भिनसर छह बजेमे आबि अध्यरक्षीय उद्बोधनक संग संयोजकक धन्य्वाद ज्ञापन तथा दीप-पंजीक हस्तां तरणक पछाति इति भेल। ऐ गोष्ठीोमे दूर-दूरसँ आएल साहित्य कार-कथाकार-समीक्षक एवं श्रोताक तथा स्थापनीय साहित्यठकार-कथाकारक संग कथा प्रेमीक बेस जमघट ताधरि बनल रहल जाधरि अगिला गोष्ठीीक निर्णयक संग आयोजित गोष्ठीछक समापनक घोषणा नहि कएल गेल। ८६म आयोजन मधुबनी जिला अन्तोर्गत फुलपरास प्रखण्डयक महिन्द वार पंचायतक ‘लकसेना’ गाममे होएत, जइमे पहुँचैक हकार दैत भावी संयोजक श्री राजदेव मण्ड ल ‘रमण’जी कहलनि- ‘अधिक-सँ-अधिक कथाकार-साहित्य कार-समीक्षक सभकेँ लकसेना गामक ८६म कथा गोष्ठीजमे सुआगत छन्हिअ।’ ८५म गोष्ठीयक अध्य्क्ष मण्डगल, संचालन समिति, कथायात्राक मादे दू शब्द , पोथी लोकार्पण, कथा पाठ एवं समीक्षा-टिप्प णीक विवरण निच्चाँणमे देल जा रहल अछि- अध्य्क्ष मण्ड ल- डॉ. प्रेम शंकर सिंह, श्री जगदीश प्रसाद मण्डहल, डॉ. केष्कदर ठाकुर, श्री विवेकानन्दप झा ‘बीनू’ श्री राजदेव मण्ड्ल, श्री श्याणमानन्दी चौधरी। संचालन समिति- श्री दुगानन्दल मण्ड ल, श्री पंकज कुमार झा एवं उमेश मण्डनल। कथायात्राक मादे दू शब्दण- प्रो. केष्क्र ठाकुर, पो. प्रेम शंकर सिंह, श्री जगदीश प्रसाद मण्ड ल, श्री विवेकानन्दप झा ‘बीनू’ गोसाउनिक गीत- श्रीमती निक्की प्रियदर्शनी आ स्वीटी कुमारी। स्वीस्तिर वाचन- श्री शिव कुमार मिश्र। पोथी लोकापर्ण- अपन मन अपन धन (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्ड लक उकड़ू समय (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डमलक लोकार्पण कर्ता- डॉ. केष्कघर ठाकुर डा. प्रेम शंकर सिंह पहिल सत्रमे कथा पाठ- (१) लगक दूरी- निक्की प्रियदर्शनी (२) गहींर आँखिक बेथा- ओम प्रकाश झा (३) डोमक आगि- रामविलास साहु (४) शिवनाथ कक्काक डायरी- अखिलेश मण्डदल। समीक्षा-टिप्पथणी, पहिल सत्रक- डॉ. शिव कुमार प्रसाद, उमेश मण्डकल, डॉ. शिव प्रसाद यादव एवं श्री नन्दल विलास राय। दोसर सत्रमे कथा पाठ- (५) हमर बाइनिक विचार- जगदीश प्रसाद मण्डलल (६) प्राश्चित- गौड़ी शंकर साह (७) मजाकेमे चलि गेलौं- लक्ष्मी् दास। समीक्षा- श्री राम सेवक सिंह, प्रो. केष्कसर ठाकुर, श्री श्याॉमानान्दद चौधरी, डॉ. प्रमोद पाण्डे य। तेसर सत्रमे कथा पाठ- (८) जीन्सम पेन्टो- नन्दक विलास राय (९) लाल नुआँ- शम्भु सौरभ (१०) धोइते-धोइते भगवान बना देबइ- उमेश मण्ड्ल (११) धर्म आ धार्मिक- दुख मोचन झा समीक्षा- श्री ओम प्रकाश झा, डॉ. प्रेम शंकर सिंह, डा. शिव प्रसाद यादव, श्री राजदवे मण्डडल। चारिम सत्रमे कथा पाठ- (१२) अनमेल बिआह- शिव प्रसाद यादव (१३) मुरझाएल फूल- कपिलेश्वर राउत (१४) पुत्रक कर्तव्यइ- नारायण झा (१५) भूख- पंकज कुमार झा (१६) बेसी भऽ गेल आब नहि- हेम नारयण साहु। समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डसल, श्री विनोदानन्दय झा ‘बीनू’, डॉ. शिव कुमार प्रसाद। पाँचिम सत्रमे कथा पाठ- (१७) भीखमंगा- प्रकाश कुमार झा (१८) भोला- ललन कुमार कामत (१९) विधवा बिआह- बेचन ठाकुर (२०) होटलमे पुकार- दुखन प्रसाद यादव (२१) चोंचाक खोंता- उमेश नारायण कर्ण समीक्षा- श्री श्या्मानन्दा चौधरी, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, राजदेव मण्डल ‘रमण’ छठिम सत्रमे कथा पाठ- (२२) अपन घर- राजदेव मण्डरल (२३) चीफ गेष्टं- शिव कुमार मिश्र (२४) मायाक तागत- राजदेव मण्डाल ‘रमण’ (२५) आमक ठाढ़ि- शिव कुमार प्रसाद (२६) हेराएल कोदारि- शिव कुमार प्रसाद (२७) डिजाइनवाली कनियाँ- शारदा नन्द सिंह समीक्षा- उमेश मण्डमल, नन्दँ विलास राय, श्या मानन्द’ चौधरी एवं हेम नारायण साहु। समाद- उमेश मण्डमल। ८४म सगर राति दीप जरय ८४म सगर राति दीप जरय २० दिसम्बसरक साँझमे शुरू भ' २१ दिसम्बचर २०१४क भिनसरमे सम्पान्न भेल। ८५म आयोजन भागलपुरमे श्री ओम प्रकाश झा केर संयोजकत्वरमे मार्च २०१५क अन्तिमम शनिकेँ होएत। ई निर्णए अध्ययक्ष मण्डील एवं संचालन समिति तथा गोष्ठीेमे उपस्थि५त सबहक विचारसँ भेल। ओना प्रस्तामव श्री राजदेव मण्डयल ‘रमण’ जीक सेहो रहनि जे लकसेना (मधुबनी)मे हुअए। मुदा सर्वसम्मरति भागलपुरेक रहल। अत: दीप आ पंजी वर्तमान गोष्ठींक संयोजक भावी संयोजककेँ देलखिन। संचालन समितिमे दुर्गानन्द। मण्डेल, ओम प्रकाश झा तथा उमेश मण्डयल छला आ अध्य क्ष मण्डसलमे शिव कुमार प्रसाद, श्याभमानन्दत चौधरी तथा सच्चि दानन्द ‘सचिद’। मो. गुल हसन एवं फिरोज आलम स्वामगत गीत गौलनि, एवं स्वेतीवाचन शिवकुमार मिश्र। तीन सत्रमे निम्न कार्यक्रमानुसार ऐ गोष्ठीशक भरि रातिक यात्रा भेल- उद्घाटन सत्र- परिचए-पात तथा दू शब्दण- उद्घाटनकर्ता- श्याामानन्द चौधरी जगदीश प्रसाद मण्डनल पं. सच्चि्दानन्दप मिश्र ‘सचिद’ मिहिर झा महादेव ओम प्रकाश झा शिव कुमार प्रसाद राजदेव मण्ड्ल ‘रमण’ पोथी लोकार्पण सत्र- (१) डीहक जमीन (विहनि/लघु कथा संग्रह) ओम प्रकाश झाजी केर लोकार्पणकर्ता- जगदीश प्रसाद मण्डील, उमेश नारायण कर्ण, राम विलास साहु। (२) समरथाइक भूत (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डरलजी केर लोकार्पणकर्ता- ओम प्रकाश झा सच्चिरदानन्द ‘सचिद’ शम्भुर सौरभ (३) गामक शकल-सूरत (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डललजी केर लोकार्पणकर्ता- श्यारमानन्द चौधरी अनुप कुमार कश्य प राजदेव मण्डतल ‘रमण’ उमेश नारायण कर्ण (४) अप्प न-बीरान (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डकलजी केर लोकार्पणकर्ता- बेचन ठाकुर फागुलाल साहु मिहिर झा महादेव रामाकान्तम मिश्र (५) बाल-गोपाल (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्ड लजी केर लोकार्पणकर्ता- संजय कुमार मण्डणल सूर्य नारायण कामत (सूरज कामत) शम्भु सौरभ शिव कुमार प्रसाद (६) लजबिजी (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्ड लजी केर लोकार्पणकर्ता- बमभोली झा दुर्गानन्द् मण्ड ल शिव कुमार प्रसाद गांधी प्रसाद (सरपंच) (७) पतझाड़ (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डदलजी केर लोकार्पणकर्ता- ओम प्रकाश झा श्या्मानन्द चौधरी राम विलास साहु नन्दव विलास राय (८) रटनी खढ़ (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्ड लजी केर लोकार्पणकर्ता- अरविन्दण चौधरी अनुप कुमार कश्यिप कपिलेश्वर राउत मो. गुल हसन (९) शिव दर्शन (पद्य) पं. सच्चिमदानन्दड मिश्र लोकार्पणकर्ता- ओम प्रकाश झा शम्भुर सौरभ शिव कुमार प्रसाद कपिलेश्वर राउत (१०) अभिलाषा (मैथिली भजनमाला) पं. सच्चिलदानन्दद मिश्र लोकार्पणकर्ता- श्यारमानन्द चौधरी बेचन ठाकुर (सरिसव पाही) (११) सीडी लोकार्पण- (१) मैथिली गजल: आगमन ओ प्रस्थागन बिंदु (आलोचना संकलन) सं.सं- गजेन्द्र ठाकुर, आशीष अनचिन्हाीरजी केर (२) सखुआवाली (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्ड लक (३) निर्मल सनेस (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्ड्लक (४) देवघरक प्रसाद (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डललक (५) कथा बौद्ध सिद्ध मेहथपा- (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- विदेह- सम्मि१लित रूपे लोकार्पण- जगदीश प्रसाद मण्ड ल शिव कुमार प्रसाद ओम प्रकाश झा राजदेव मण्डाल ‘रमण’ कपिलेश्वर राउत। कथा सत्र- कथा पाठ एवं समीक्षा- पहिल पालीमे- लोकतंत्रक माने- ओम प्रकाश झा- टेटरा हीरा- नन्दओ विलास राय- समीक्षा- श्या्मानन्द चौधरी फागुलाल साह शिव कुमार प्रसाद अनुप कुमार कश्यदप। दोसर पाली- पवित्र पापी- उमेश नारायण कर्ण- जाति-पाति- दुर्गानन्द् मण्डरल समीक्षा- राम विलास साहु राजदेव मण्डाल ‘रमण’ संयज कुमार मण्डिल मिहिर झा महादेव तेसर पाली- एकर उत्तरदायी के?- शम्भुा सौरभ कमतिया हवेली- राम विलास साहु समीक्षा- उमेश मण्डेल फागुलाल साहु सच्चिादा नन्दल झा ‘सचिद’ बेचन ठाकुर (नाटकार) चारिम पाली- खेती-वाड़ी- बेचन ठाकुर डीहक जमीन- ओम प्रकाश झा समीक्षा- शिव कुमार प्रसाद मिहिर कुमार झा बमभोली झा शम्भुी सौरभ पाँचिम पाली- बिआह- गौड़ी शंकर साह इन्फेमक्शौन- फागुलाल साहु समीक्षा- कपिलेश्वर राउत राम विलास साहु शशिकान्तस झा उमेश नारायण कर्ण छठिम पाली- पाँच भूत- उमेश नारायण कर्ण जरि गेल माइक आस- विपिन कुमार कर्ण समीक्षा- कपिलेश्वर राउत नन्दे विलास राय ओम प्रकाश झा अनुप कुमार कश्यसप सातिम पाली- शिव विद्यापति- सच्चििदानन्दल ‘सचिद’ भरम- लक्ष्मीश दास कलयुगक निर्णए- कपिलेश्वर राउत समीक्षा- शम्भुष सौरभ जगदीश प्रसाद मण्डरल श्याशमानन्द‍ चौधरी। अंतमे अध्याक्षीय भाषण तथा धन्यउवाद ज्ञापन। ८३म सगर राति दीप जरय मैथि‍ली साहि‍त्ययक प्रसि‍द्ध सर्वहारा मंच “सगर राति‍ दीप जरय” केर ८३म कथा गोष्ठी, फुलपरास अनुमण्डरलक सखुआ-भपटि‍याही गामक उत्क्र मि‍त मध्यध वि‍द्यालय परि‍सरमे दि‍नांक ३० अगस्त३क (२०१४) साँझ छह बजेसँ शूरू भऽ ३१ अगस्ताक भि‍नसर छह बजे धरि‍ आकर्षक अध्याक्ष मण्डरल तथा संचालन समि‍ति‍ केर अन्त‍र्गत चलैत रहल। अध्य क्ष मण्डगलमे डा. वि‍मल कुमार राय, डा. योगेन्द्रा पाठक ‘वि‍यागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्ड ल, श्री कमलेश झा, तथा डा. शि‍वकुमार प्रसाद रहथि‍, तहि‍ना मंचक संचालन समि‍ति‍मे श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्ड ल आ श्री दुर्गानन्द. मण्डाल छला। जहि‍ना जन सहयोगसँ ई गोष्ठीम आयोजि‍त छल तहि‍ना भपटि‍याही, सखुआ, छजना, नरहि‍या, निर्मली, औरहा, बेरयाही, सुरयाही, रतनसारा, चतरापट्टी, नवटोली, कदमपुरा, पकड़ि‍या, लक्ष्मिल‍नि‍याँ, गम्ह रि‍या, बेलही इत्याकदि‍ गामक तथा टोलक साहि‍त्यप प्रेमीक उपस्थि ‍ति‍ छल। नव-नव साहि‍त्यी प्रेमी सोझाँ एला। पठि‍त कथापर त्वझरि‍त समीक्षा/टि‍प्प्णी दऽ केतेक गोटे अपन नव परि‍चए बनौलनि‍, देलनि‍ आ सोझा एला। जे सगर राति‍ दीप जरय’क उदेस रहल अछि‍। उपस्थि‍‍त साहि‍त्यवकार सभ अह्लादि‍त भेला। केते गोटे अपन वि‍चार सेहो मंचेपर व्यसक्ता केलनि‍ जे अहि‍ना गोष्ठी् जँ गाम-घरमे हएत तँ नव-नव लोकक प्रवेश स्व त: साहि‍त्य् क्षेत्र होइत रहत, जइसँ समाजक संग साहि‍त्यि डेग-मे-डेग मि‍ला कऽ चलत आ चलैत रहत। जइसँ जनजागरण हएत आ मैथि‍ली साहि‍त्यरक मध्यो एक खास अभावक पूर्ति सेहो हएत। नारी केन्द्रि ‍त गोष्ठील भेने नारी वि‍मर्श करैत अनेक कथा आएल। कथा मध्यि ढेर रास नारी-समस्या्केँ चि‍न्हि‍त कएल गेल। समीक्षक लोकनि‍ अपन-अपन मत दैत भरि‍ राति‍क यात्राकेँ सफल बनौलनि‍। गामक कि‍छु नारीओ गोष्ठीकमे एक श्रोता रूपमे उपस्थिम‍त छेली। गोष्ठीगक आरम्भी सामुहि‍क रूपेँ वि‍धि‍वत् दीप प्रज्वयलि‍त कऽ स्था नीय डा. वि‍मल कुमार राय, श्री सूरज नारायण राय ‘सुमन’, संग-संग कलकत्तासँ आएल डा. योगेन्द्रव पाठक ‘वि‍याेगी’, भागलपुरसँ आएल श्री ओम प्रकाश झा एवं बेरमासँ आएल श्री जगदीश प्रसाद मण्डहलजी द्वारा करौल गेल। छह पालीमे कुल २७ गोट नूतन वि‍हनि/लघु कथाक पाठ भेल। समीक्षा भेल, दर्जन भरि‍ पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे दू गोट पोथी क्रमश: “कारू खि‍रहरि” आ “संत कारू खि‍रहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क। आ पाँच गोट लघु कथाक पोथीक साॅफ्ट कौपी क्रमश: “अप्प‍न-बीरान”, “पतझाड़”, “बाल-गोपाल”, “रटनी खढ़” तथा नारी केन्द्रि ‍त कथा संग्रह “लजबि‍जी” जगदीश प्रसाद मण्ड़लक तहि‍ना दूटा पटकथा पहि‍ल “जाल” आ दोसर “पंचैती” राजदेव मण्डूलक, एकटा कवि‍ता संग्रह “सूखल मन तरसल आँखि‍” मुन्नी कामतक आ बेचन ठाकुरक एकटा नाटक “भोँट” लोकार्पि‍त भेल। ८४म सगर राति‍ दीप जरयक आयोजन झंझारपुर अनुमण्डमलक बेरमा गाममे शि‍वकुमार मि‍श्र जीक संयोजकत्वलमे २० दि‍सम्ब‍र-२०१४केँ होएत। बेरमा गाममे ७१म कथा गोष्ठीआ दि‍नांक ०२.१०.२०१०केँ मध्य‍ वि‍द्यालय परि‍सर-बुढ़ि‍या गाछी-दुर्गा स्था न-मे भेल छल। एतेक दि‍नमे ई दोसर खेप छी। अन्तछमे संयोजक नन्दम वि‍लास राय स्था‍नीय साहि‍त्यस प्रेमी, जि‍नका सबहक वि‍शेष सहयोग छल ऐ आयोजनमे, तइ सभ बेक्ती‍केँ धैनवाद ज्ञापन केलनि‍। संग-संग श्री गजेन्द्र ठाकुर दि‍ससँ श्रुति‍ प्रकाशनसँ प्रकाशि‍त मैथि‍लीक आधुनि‍क पोथी, सभ गोटेकेँ मंचेपर देल गेलनि‍। वि‍शेष सहयोगी सबहक नाओं ऐ तरहेँ अछि‍- डा. वि‍मल कुमार राय, श्री धीरेन्द्रद कुमार, श्री सूरज नारायण राय, श्री अशोक कुमार राय, श्री सुन्दूर लाल साह, मो. रि‍जवान, श्री सि‍याराम साह, श्री शम्भूर सिंह, श्री यादव, श्री उमाकान्तो राय, श्री जगत नारायण राय, श्री ब्रजनन्द न साह, श्री उमेश साह, श्री सुधीर साह, श्री रामकुमार मण्डाल, श्री सत्यउ नारायण सिंह आ श्री लक्ष्मीा मण्डील। ब्रेकिंग- अध्यकक्ष मण्डबल- डा. वि‍मल कुमार राय, डा. योगेन्द्रु पाठक ‘वि‍यागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डाल, श्री कमलेश झा, डा. शि‍वकुमार प्रसाद। संचालन समि‍ति‍- श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्डाल, श्री दुर्गानन्दी मण्डरल। कथा पाठ एवं समीक्षा- पहि‍ल सत्रमे- जगदीश प्रसाद मण्डरल- “गावीस मोइस”; शारदानन्दो सिंह- “की करब से अहीं कहू”; राजदेव मण्डपल- “दोख केकर” तथा लक्ष्मीे दास- “गंगाजलक धोल” समीक्षा- योगेन्द्रल पाठक ‘ि‍वयोगी’, कमलेश झा, वि‍मल कुमार राय, शि‍वकुमार प्रसाद, गौड़ी शंकर साह। दोसर सत्रमे- दुर्गानन्दख मण्डणल- “छुतहरि‍”; कपि‍लेश्वर राउत- “बड़का खीरा”, योगेन्द्रौ पाठक वि‍यागी- “वि‍जय दृश्यस-१, वि‍जय दृश्यड दू-२”; ललन कुमार कामत- “बेटी” समीक्षा- फागुलाल साहु, राजदेव मण्डयल, अयोधी यादव ‘अमर’, कमलेश झा आ शि‍वकुमार प्रसाद। तेसर सत्र- ओम प्रकाश झा- बेटीक बि‍याह, शि‍व कुमार प्रसाद- “झमकी”; राम ि‍वलास साहु- “अवि‍सबास”; हेम नारायण साहु- “बेसी भ’ गेल आब नै” समीक्षा- उमेश मण्डेल, शम्भुण सौरभ, दुर्गानन्दर मण्डरल। चारि‍म सत्र- उमेश मण्ड,ल- “कोटाक चाउर”; फागुलाल साहु- “मर्दानी नारी”; शम्भु। सौरभ- “लाजो”; शि‍व कुमार मि‍श्र- “बाल वि‍धवा” समीक्षा- कमलेश झा, ओम प्रकाश झा, राजदेव मण्डाल, उमेश नारायण कर्ण तथा दुर्गानन्दद मण्डखल। पाँचि‍म सत्र- ओम प्रकाश झा- “कुलच्छजनी”; गौड़ी शंकर साह- “छोटकी”; उमेश नारायण कर्ण- “यूज एण्ड थ्रो”; अच्छे लाल शास्त्रीक- “गुलटेनमा”; नन्दक वि‍लास राय- “दि‍व्या ” समीक्षा- कमलेश झा, दुर्गानन्दझ मण्डलल, राम कुमार मण्ड्ल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्ड ल। छअम सत्र- राम वि‍लास साहु- “बौआ बाजल”; फागुलाल साहु- “चतुर बालक”; जगदीश प्रसाद मण्ड्ल- “रेहना चाची”; शारदा नन्दस सिंह- “फक द’ नि‍साँस छूटल”; डाॅ. कीर्ति नाथ झा- (वाचक- उमेश मण्डसल) “शेफाली, फुलपरासवाली आ हम” समीक्षा- अयोधी यादव, ओम प्रकाश झा, शम्भू; सौरभ, ललन कुमार कामत, शि‍व कुमार मि‍श्र। पोथी लोकार्पणकर्ता डा. योगेन्द्र पाठक ‘वि‍योगी’/श्री कमलेश झा/श्री रामकुमार मण्डाल- “कारु खि‍रहरि‍” अयोधी यादव ‘अमर’क श्री जगदीश प्रसाद मण्डदल/ श्री राजदेव मण्ड‍ल/ डा. वि‍मल कुमार राय/ डा. शि‍वकुमार प्रसाद/ श्री शम्भुम सौरभ- “संत कारू खि‍रहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क श्री फागुलाल साहु- “सूखल मन तरसल आँखि‍” (कवि‍ता संग्रह)- मुन्नी कामतक श्री शम्भुा सौरभ- “कथा कुसुम” (वि‍हनि‍/लघु कथा संग्रह) दुर्गानन्दल मण्ड लक श्री ब्रजनन्दसन साह- “भोँट” (नाटक) बेचन ठाकुरक श्री हेम नारायण साहु- “पंचैती” (पटकथा) राजदेव मण्डकलक श्री शि‍व कुमार मि‍श्र- “जाल” (पटकथा) राजदेव मण्ड्लक श्री कमलेश झा- “अपन-बि‍रान” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डखलक श्री उमेश नारायण कर्ण- “पतझाड़” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्ड लक श्री फागुलाल साहु- “रटनी खढ़” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डमलक श्री राम कुमार मण्डरल- “बाल-गोपाल” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डहलक श्री ओम प्रकाश झा- “लजबि‍जी” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डललक -उमेश मण्डशल ३१/०८/२०१४ ८२म सगर राति दीप जरय 82म सगर राति‍ दीप जरए केर ब्रेकिंग न्यूघज- स्था न- गजेन्द्र ठाकुरक नि‍ज आवास, गाम- मेंहथ, जि‍ला- मधुबनी। दि‍नांक- 31 मई 2014 (शनि‍ दि‍न) समए- संध्या छह बजेसँ गोष्ठीेक नाओं- कथा बौद्ध सि‍द्ध मेहथपा सगर राति‍ दीप जरए। आयोजनक खेप- 82म आयोजन संयोजक- गजेन्द्र ठाकुर वि‍शेषता- बाल साहि‍त्युपर केन्द्रि ‍त। गोष्ठी क उद्घाटन- डॉ. कमलकान्तक झा, राज देव मण्डयल, डाॅ. शि‍व कुमार प्रसाद, शि‍वकुमार मि‍श्रा तथा जगदीश प्रसाद मण्डगल। स्वाागत, गीत गाबि‍ केलनि‍- काशीनाथ झा ‘कि‍रण’ कथा गोष्ठीडक अध्य क्षता केलनि‍- अरवि‍न्द ठाकुर मंच संचालन केलनि‍- आनन्दा कुमार झा आ उमेश मण्डील अगि‍ला गोष्ठीध स्था्न- मधुबनी जि‍लाक भपटि‍याही गामक सखुआ टोलपर। अगि‍ला गोष्ठीधक केन्द्रकबि‍न्दुन- स्त्रीह वि‍मर्श। आगि‍ला गोष्ठीधक संयोजक हेता- नन्दन वि‍लास राय। अगि‍ला गोष्ठीधक संभावि‍त ति‍थि‍- 30 अगस्त् 2014 (शनि‍ दि‍न) हकार देलनि‍- सामुहि‍क रूपे अगि‍ला गोष्ठीप लेल हकार मंचपर नन्दप वि‍लास राय देलनि‍। समीक्षा/टि‍प्पुणीमे भाग लेलनि‍- दुर्गानन्दस मण्डरल, शि‍वशंकर श्रीनि‍वास, राम वि‍लास साहु, बाल गोवि‍न्द्र गोवि‍न्दाटचार्य, फागुलाल साहु, नन्दद वि‍लास राय, शि‍वकुमार मि‍श्र, नारायणजी, कमलकान्तस झा, काशीनाथ झा कि‍रण, शि‍वकुमार प्रसाद, बि‍पि‍न कुमार कर्ण, संजीव कुमार समा, उमेश नारायण कर्ण, शारदानन्दम सि‍ंह, जगदीश प्रसाद मण्डकल, संजय कुमार मण्डाल, हेम नारायण साहु, पंकज सत्यंम इत्याादि‍। आठ गोट पोथीक लोकार्पण भेल- 1. बैशाखमे दलानपर- गद्य-पद्य संग्रह संग आत्महकथा लेखक- संदीप साफी। लोकार्पण- डाॅ. कमलकान्त, झा, अरवि‍न्दु ठाकुर, राजदेव मण्डदल, सीताराम साफी 2. नेपालक नोर मरुभूमि‍मे- गद्य-पद्य संग्रह, लेखक- वि‍न्देतश्वर ठाकुर। लोकार्पण- जगदीश प्रसाद मण्ड ल, नन्दज वि‍लास राय, चन्डेंश्वर खाँ। 3. उलहन- वि‍हनि‍ आ लघुकथा संग्रह, लेखक- कपि‍लेश्वर राउत। लोकार्पण- गजेन्द्र ठाकुर, शि‍व कुमार प्रसाद, दुर्गानन्दद मण्डिल। 4. On the Dice Board of the Millennium- Joity Jha Chaudhary. लोकार्पण- कमल कान्त झा, आनन्दn कुमार झा, शि‍व कुमार प्रसाद। 5. The Science of Words कथा संग्रह, अनुवादक- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- असीन ठाकुर, ललन कुमार कामत, अरवि‍न्द् कुमार ठाकुर। 6. धांगि‍ बाट बनेबाक दाम अगूबार पेने छँ, गजल संग्रह, गजलकार- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- बाल गोवि‍न्द् यादव ‘गोवि‍न्दाबचार्य’, उमेश पासवान, रामदेव प्रसाद मण्डाल ‘झारूदार’ राम सेवक ठाकुर। 7. सहस्रजि‍त- पद्य संग्रह, लेखक- गजेन्द्र ठाकुर, लोकार्पण- बेचन ठाकुर, राम वि‍लास साहु, हेम नारायण साहु। 8. प्रबन्धि-नि‍बन्ध’ समालोचना भाग- 2, आलोचक- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- अरवि‍न्द ठाकुर, जगदीश प्रसाद मण्ड।ल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्डाल। 33 गोट वि‍हनि‍/लघु कथाक पाठ भेल- 1. अखि‍लेश मण्डलल- ललि‍याएल मुँह 2. ललन कुमार कामत- स्कूललक फीस 3. जगदीश प्रसाद मण्डणल- ‘अवाक्’ तथा ‘पल भरि’ 4. चण्डे श्वर खाँ- ‘रोटी’ तथा ‘भोज’ 5. लक्ष्मी् दास- दुश्टथपना 6. जगदानन्द‍ मनु- ‘भगवानकेँ जे नीक लगनि‍’ तथा ‘बड़का बाबू’ 7. उमेश पासवान- अजोह 8. शि‍व शंकर श्रीनि‍वास- हाथी आ गीदड़ 9. बेचन ठाकुर- हरि‍या इन्सँपेकटर 10. राम सेवक ठाकुर- मोटरीमे कथी छेलै 11. गौड़ी शंकर साह- परीक्षा 12. राम वि‍लास साहु- बोल-बोध 13. नन्दव वि‍लास राय- अमर-मदन 14. शारदा नन्द सिंह- सुचीमे नाम’ तथा ‘एकर जवाबदेह के? 15. उमेश नारायण कर्ण- म्या-ऊँ म्यामऊँ म्याथऊँ 16. संजय कुमार मण्डणल- एकन्तम 17. शि‍व कुमार प्रसाद- अदि‍या 18. अजय कुमार दास ‘पि‍न्टूअजी’- सचेतल प्रेम 19. पंकज सत्य म- जननायक 20. शि‍व कुमार मि‍श्र- गर्म आन्हार 21. दुर्गानन्दक मण्डंल- बुइध 22. फागुलाल साहु- माँ केर डाँट 23. राजदेव मण्डुल- रूसल बौआ 24. कपि‍लेश्वर राउत- खराप 25. कमलकान्त‍ झा- साँझक सुख 26. बि‍पि‍न कुमार कर्ण- निश्छल नारी 27. उमेश मण्ड्ल- दूध 28. योगेन्द्र् पाठक ‘वि‍योगी’- खजाना, कथा पाठ- उमेश मण्ड्ल 29. गजेन्द्रि ठाकुर- रेश 30. दीपाली झा- दादीक गाम, कथा पाठ- आनन्दर कुमार झा 31. अरवि‍न्द् ठाकुर- बेदरमैत ८१म सगर राति दीप जरय देवघरमे 81म सगर राति‍ दीप जरए सफलता पूर्वक सम्पनन्न भेल :: उमेश मण्ड ल स्वघ. मायानन्दत मि‍श्र तथा जीवकान्त क स्मृनतकेँ समरपि‍त 81म सगर राति‍ दीप जरए केर आयोजन दि‍नांक 22 मार्च 2014केँ श्री ओम प्रकाश झाक संयोजकत्वममे संध्याण 6 बजेसँ देवघरक बम्पामस टॉनक बि‍जली कोठी-3 मे आयोजि‍त भेल। ओयोजनक उद्घाटन दीप प्रज्वपलि‍त करि‍ कऽ श्री ओ.पी. मि‍श्राजी केलनि‍। मि‍थि‍लाक गाम-गामसँ आ भारतक शहर-शहरसँ आएल कथाकार, साहि‍त्याकार, समालोचक तथा साहि‍त्यज प्रेमीक कसगर जुटान छल। साँझक पाँचे बजेसँ जुटान हुअ लगल। मि‍डि‍याकर्मीक थहाथही शुरू भऽ गेल। शुभारम्भा मंगला चरणसँ श्री एस.के. मि‍श्राजी केलनि‍। झारूदारजी अपन सृजि‍त अनुपम गीत “हम नै छी अहाँ योग यौ पाहुन/ अहाँ छी बड़ा महान/ स्वाशगत स्वीलकार करू श्रीमान्/ अहाँ छी गंगा अहाँ छी यमुना/ पग धुलसँ पावण भेल अँगना...।” गाबि उपस्थिह‍त साहि‍त्याप्रेमी आ साहि‍त्य कारकेँ स्वाैगत केलनि‍। पोथीक लोकार्पण शुरू भेल। गजेन्द्री ठाकुरक संग सम्पाथदनमे सम्पाीदि‍त मि‍थि‍लाक पंजी प्रबन्ध “जीनाेम मैपिंग भाग- 2” आ “जि‍नीयोलोजि‍कल मैपिंग” 950 एडीसँ 2009 एडी धरि‍क पंजीक लोकार्पण श्री ओम प्रकाश झा, डॉ. योगानन्दज झा आ श्री राजीव रंजन मि‍श्रा जीक हाथे भेल। शि‍वकुमार झा ‘टि‍ल्लूर’जी रचि‍त समालोचनाक पोथी “अंशु” केर लोकार्पण श्री जगदीश प्रसाद मण्ड ल, श्री राजदेव मण्ड‘ल आ श्री बेचन ठाकुरजी केलनि‍। अंग्रेजी-मैथि‍ली शब्दा कोष भाग-2, “मैथि‍ली-अंग्रेजी कम्यू्ड टर शब्दककोष” तथा बेचन ठाकुरक “ऊँच-नीच” नाटकक लोकार्पण सेहो भेल। दू शब्दाक कड़ीमे प्रवेश केलौं। ओ.पी.मि‍श्रा, दि‍लीप दास, ओम प्रकाश झा, दैनि‍क समाचार पत्र प्रभात खबर केर सम्पा दक श्री सुशील भारती मैथि‍लीक दशा दि‍सापर अपन वि‍चार प्रकट केलनि‍। ओ कहलनि-‍ “अही तरहक आयोजन मैथि‍लीक सम्पूिर्ण वि‍कासक मार्ग सहज बनौत।” आयोजककेँ धन्यआवाद ज्ञापन करैत एक-सँ-एक साहि‍त्यबकार अपन मनक खुलता बात मैथि‍ली वि‍कास लेल स्वजतंत्रता पूर्वक मंचपर रखलनि‍। मुख्यि अति‍थि‍ ओ.पी. मि‍श्राजी सेहो एकटा सुन्दवर गीत गाबि‍ स्वाुगतक भाव प्रकट केलनि‍। राजीव रंजनजी स्विलि‍खि‍त गजल गाबि‍ अपन भाव प्रकट केलनि‍। सगर राति‍ दीप जरए (सभ अज्ञानीमे ज्ञानक दीप जरौ) कथायात्राक मादे श्री जगदीश प्रसाद मण्डैलक वि‍चार बकतनक संग लि‍खतनमे सेहो वि‍स्ता)रपूर्वक आएल। दू पि‍ट्ठा कागत हाथे-हाथ बाँटल गेल। जे ऐ लिंकपर उपलब्धि अछि‍- http://maithili-samalochna.blogspot.in/…/…/blog-post_24.html 34 गोट लघुकथा/वि‍हनि‍ कथाक पाठ भेल। सात पालीमे बाँटि‍ सभ कथाक पाठ करौल गेल। अंति‍म पाली छोड़ि‍ छबो पालीमे पठि‍त कथापर तीन गोट समीक्षकक समीक्षा अबैत रहल आ समीक्षाक समीक्षा सेहो होइत रहल। समीक्षाक समीक्षा केनि‍हार सभ छला राजदेव मण्डील, नन्दस वि‍लास राय, भाष्किर झा, उमेश मण्ड ल, चन्द‍न झा, डॉ. धनाकर ठाकुर, बि‍पीन कुमार कर्ण इत्याकदि‍। प्रति‍समीक्षाक क्रममे एक गोट वि‍चारणीय टि‍प्पणी आएल। ओ छल, युवा समीक्षकक। अपन वि‍चार व्यकक्त, करैत कहलखि‍न- “समसामयि‍क कथाक गहराइकेँ आधुनि‍क पाठक स्वावगत नै करए चाहैए। से ई कथाक दोष भेल। फलस्वमरूप पाठकक अभाव अछि‍।” संचालक गजेन्द्रप ठाकुरजी ऐ वि‍चारपर असहमति‍ जँतौलनि‍। कहलखि‍न- “ई तँ भाषाक वि‍शेषता छि‍ऐ जे कथानककेँ गहराइ प्रदान करै छै। जेकर अभाव मैथि‍ली साहि‍त्यइकेँ पाठक वि‍हि‍न केने रहल।” ऐ तथ्यतकेँ सत्यारपि‍त करैत ठाकुरजी आइसलैण्डदक भाषाक जि‍कि‍र केलनि‍। दू सत्रक पछाति‍ भोजनावकाश भेल। मि‍थि‍लाक खान-पानक आधुनि‍क रूप अकति‍यार केने छला आयोजक। करीब 125 गोटे एक पाँति‍मे बैस भोजन केलनि‍। ऐ तरहक समायोजनसँ हुनका मुँहक रोहानी फुलाएल गुलाबक फूल सन देखबामे आएल। बारीक सभ फुदैक-फुदैक अपन-अपन जि‍म्मा केँ जीतैत खेलाड़ी जकाँ निर्वहन करैत देखल गेला। भोजनक घंटा भरि‍ पछाति पुन: अगि‍ला सत्रक यात्रा शुरू भेल। पठि‍त कथापर समीक्षा हेतु वि‍शेष सुि‍वधा प्रदान कएल गेल छल। ओ ई जे जँ समीक्षक पठि‍त कथाकेँ कोनो कारणे धि‍यानसँ नै सुनि‍ पबथि‍ तँ हुनका लेल कथाक पाण्डु लि‍पि‍ उपलब्धि करौल जाइ छल। संचालकक कहब रहनि‍ जे मैथि‍ली साहि‍त्यकमे समीक्षाक स्थिस‍ति‍ उमदा नै अछि‍। ऐपर श्री अरवि‍न्द् ठाकुर असहमति‍ व्यणक्तन केलनि‍। ओ कहलनि‍- “सगर राि‍तक अलि‍खि‍त नि‍अमो रहल अछि‍ जे समीक्षापर समीक्षासँ गोष्ठीबमे वि‍वाद बढ़ि‍ सकैए तँए एहेन कार्यसँ बँचक चाही।” सम्पूतर्ण कार्यक्रमक लाइव प्रसारण कएल गेल। सगर राति‍क इति‍हासक पन्नामे ई एक गोट अनुपम कार्य सि‍द्ध हएत। सम्पूमर्ण कार्यक्रमक वि‍डिओ यू-ट्यूबपर उपलब्ध करौल जाएत तेकरो बेवस्था् आयोजक केने छला। मैथि‍ली साहि‍त्य्केँ पूर्णत: इलेक्ट्रॉ नि‍क स्पोकर्ट भेटौ ऐ हेतु आयोजक प्रति‍वद्ध छला। अगि‍ला गोष्ठीह हेतु दू गोट प्रस्ताूव आएल। बहुसंख्यिक साहि‍त्य्कारक वि‍चारकेँ आगू बढ़बैत अध्य्क्ष श्री जगदीश प्रसाद मण्डील भावी संयोजककेँ दीप आ उपस्थिव‍ति‍ पुस्तिय‍का हश्ततगत करौलनि‍। 31 मई 2014केँ मधुबनी जि‍लाक मेंहथ गाममे 82म कथा गोष्ठी‍ हेतु भावी संयोजक श्री गजेन्द्रो ठाकुर समगर्दा हकार दऽ सभकेँ आमंत्रि‍त करैत कहलखि‍न- ”बालकथापर केन्द्रि ‍त अगि‍ला गोष्ठी् आयोजि‍त हएत।” अंतमे संयोजक श्री ओम प्रकाश झा आयोजक धन्य2वाद ज्ञापन करैत कहलनि‍- “81m Sagar Raati Deep Jaray katha Gosthi 22 March 2014 saanjh sa shuru bha ka 23 March 2014 ke bhor me safalta poorvak Deoghar me sampann bha gel. Ehi beruka katha gosthi ke swargiy Mayanand babu aa swargiy Jeevkant ke samarpit kayal gel. Gosthik adhyakshta sri Jagdish Pd Mandal kayalanhi aa sanchalak chhalaah Sri Gajendra Thakur. Mukhy atithi Sri O. P. Mishra chhalaah. Kul 29 got kathaakaarak dwara 35 got katha paaTh kayal gel. Samalochna seho badd neek rahal. Kul milaa ka kathaa goshthi ekTa neek workshop saabit bhel. Katha goshthi me aaynihaar sab kathakaar lokani ke hum hriday sa aabhari chhi. Sangahi ahaa sab shubhkaamna denihaar mitra sabhak seho aabhari chhi. Kichhu gote anupasthitik khed prakaT karait shubhkaamna prakaT kelanhi, hunko sabhak aabhari chhi. Je jaani boojhi ka nai aylaah tinko aabhari chhi kiyak ta hunkar vyavhaar humra bheetar Maa Maithilik prati pratibaddhtaa aar badhaa delanhi.” 81म सगर राति‍ दीप जरए- देवघरमे सुसम्पaन्न भेल 82म कथा गोष्ठीथ मेंहथमे होएत मायानन्दम मि‍श्र जीवकान्त स्मृवति‍-सगर राति‍ दीप जरए केर 81म कथा गोष्ठी – देवघर (झारखण्डग) संयोजक- ओम प्रकाश झा उद्घाटन सत्र- दीप प्रज्व्लन- श्री ओ.पी. मि‍श्रा एवं समस्तर कथाकार संचालन- ओम प्रकाश झा लोकार्पण सत्र- अध्यरक्ष- जगदीश प्रसाद मण्डnल मुख्य् अति‍थि‍- श्री ओ.पी. झा आ श्री गजेन्द्रज ठाकुर संचालक- उमेश मण्डगल दू शब्दण- 1. ओ.पी. झा, अवकाश प्राप्ति अभि‍यंता- झारखण्डु सरकार 2. सुशील भारती, संपादक, प्रभात खबर हि‍न्दी‍ दैनि‍क। 3. दि‍लीप दास 4. ओम प्रकाश झा 5. मिथि‍लेश कुमार 6. जगदीश प्रसाद मण्डुल कथा सत्र- अध्यसक्ष- श्री जगदीश प्रसाद मण्डसल, वरि‍ष्ठा साहि‍त्यनकार मंच संचालक- श्री गजेन्द्रश ठाकुर, संपादक, ‘वि‍देह’ इण्टडरनेशनल ई-जनरल पहि‍ल सत्रमे पठि‍त कथा एवं कथाकार- असली हीरा- श्री दुर्गानन्दथ मण्डकल (निर्मली) रि‍क्शा क भाड़ा आ बुधि‍ए बताह- श्रभ्‍ फागुलाल साहु (सखुआ) बुढ़ि‍या मैया- ओम प्रकाश झा (भागलपुर) केते बेर- उमेश मण्डाल (निर्मली) समीक्षक- योगानन्द‍ झा राजदेव मण्ड्ल अरवि‍न्दम ठाकुर प्रमोद कुमार झा समीक्षाक समीक्षक नन्द् वि‍लास राय चन्द्न झा धनाकर ठाकुर दोसर सत्र- सभसँ बड़का भी.आई.पी. गेष्टल- श्री नन्दश वि‍लास राय (भपटि‍याही) डरक डंका- श्री राजदेव मण्ड ल (मुसहरनि‍याँ) ई छी हमर मजबूरी आ इमानदारीक पाठ- श्री राम वि‍लास साहु (लक्ष्मिु‍नि‍याँ) अप्प न माए-बाप- श्री ललन कुमार कामत (ललमनि‍याँ) तेसर सत्र- छि‍न्ना-झपटी- श्री शि‍व कुमार मि‍श्र (बेरमा) बड़का मोछ- श्री कपि‍लेश्वर राउत (बेरमा) उतेढ़क श्राद्ध- श्री शम्भूश सौरभ (बैका) जाति‍क भोज- श्री उमेश पासवान (औरहा) चारि‍म सत्र- गुरुदक्षि‍णा- डाॅ. योगानन्द( झा (कबि‍लपुर) अपराध- श्री पंकज सत्यरम् (मधुबनी लगक) ककर चरवाही आ चुनावधर्मी लोक- डॉ. उमेश नारायण कर्ण कबाउछ- डॉ. धनाकर ठाकुर पाँचम सत्र- आन्हमर- श्री अखि‍लेश कुमार मण्डरल (बेरमा) सरकारीए नौकरी कि‍एक- बि‍पीन कुमार कर्ण (रेवाड़ी) बनमानुष आ मनुष- डाॅ. शि‍वकुमार प्रसाद (सि‍मरा) वृधापेंसन आ मजबुरी- श्री शारदानन्दश सि‍ंह पानि‍- श्री बेचन ठाकुर छअम सत्र- सत्ता-चरि‍त- श्री अरवि‍न्दि ठाकुर (सुपौल) बापक प्राण- श्री भाष्कररानन्द झा भाष्कठर (कोलकाता) संबोधन- श्री चन्दभन कुमार झा (कोलकाता) ठीका- श्री आमोद कुमार झा चौठि‍या- श्री अच्छे लाल शास्त्रील (सोनवर्षा) सातम सत्र- तखन, जखन- श्री गजेन्द्रा ठाकुर (दि‍ल्ली ) चैन-बेचैन- श्री जगदीश प्रसाद मण्डरल (बेरमा) पहिल सगर राति जकरा सगर विश्वमे लाइव प्रसारित कएल गेल, लिंक छल: https://new.livestream.com/accounts/7191650/events/2827795 ऐ तरहेँ देवघरक गोष्ठीtमे कुल कथाकारक संख्याu 29 छल। 34 गोट कथाक पाठ भेल। 80म सगर राति‍ दीप जरय 80म कथा गोष्ठी “कथा मि‍लन सदाय-सगर राति‍ दीप जरय” निर्मलीमे पठि‍त कथा एवं कथाकारक नाओं- 1. जीवपर दया करी- पल्लवी कुमारी 2. स्पेशल परमीट- ओम प्रकश झा 3. ढेपमारा गोसाँइ- ओम प्रकाश झा 4. ओ स्त्री - सदरे आलम गौहर 5. बाल अधि‍कार- नारायण झा 6. मांग- अमि‍त मि‍श्र 7. नवतुरि‍या- अमि‍त मि‍श्र 8. जनता लेल- अमि‍त मि‍श्र 9. थ्रीजी- मुकुन्द मयंक 10. पढ़ाइ आ खेती- बि‍पीन कुमार कर्ण 11. बदरि‍या मूसक घर- उमेश पासवान 12. अपन घर- लक्ष्मी दास 13. मि‍त्र- नारायण यादव 14. प्रेम एगो अचम्भा - बाल मुकुन्द पाठक 15. भगवानक पूजा- संजय कुमार मण्डल 16. वि‍पन्नता- पंकज सत्याम 17. गौतमक अहि‍ल्या-- दुखन प्रसाद यादव 18. तरकारीक चोर- ललन कुमार कामत 19. व्यंग्य- मि‍थि‍लेश कुमार व्यास 20. खेनि‍हारक लेखा- चंदन कुमार झा 21. चाहबला- कपि‍लेश्वर राउत 22. बि‍लाइ रस्ता काटि‍ देलक- राम वि‍लास साहु 23. भैरवी- रौशन कुमार झा 24. संदेह- शारदा नन्द सिंह 25. अंधवि‍श्वास- शम्भू सौरभ 26. डीजे ट्रोली- बेचन ठाकुर 27. मुखि‍याजी सँ मंत्री धरि‍ एक्के रंग- दुर्गा नन्द ठाकुर 28. कारागार- कि‍शलय कृष्ण 29. पैघ लोक के?- नन्द वि‍लास राय 30. पेंच-पाँच- शि‍व कुमार मि‍श्र 31. महेशबाबूक चौकपर एकदि‍न- गौड़ी शंकर साह 32. परि‍वर्त्तन- राजदेव मण्डल 33. एकघाप जमीन- जगदीश प्रसाद मण्डल 34. गइ बुढ़ि‍या हम बड़ बि‍हर छी- डॉ. शि‍व कुमार प्रसाद 35. भीखमंगा- डॉ. अशोक अवि‍चल मिथिलांचलक प्रसिद्ध साहित्यिक मंच “सगर राति‍ दीप जरय” केर 80म आयोजन जे निर्मली (सुपौल)मे स्थानीय कलाकार स्व. मि‍लन सदाय केर नाओंपर आयोजित छल तइ कथा गोष्ठीमे जे समीक्षक-आलोचक सभ पठि‍त कथापर समीक्षा केने रहथि‍, आलोचना केने रहथि‍ से सूची निम्न अछि‍- डॉ. शिव कुमार प्रसाद ओम प्रकाश झा राजदेव मण्डल जगदीश प्रसाद मण्डल डॉ. अशोक अवि‍चल डॉ. रामाशीष सिंह उमेश पासवान चन्दन कुमार झा राम वि‍लास साहु फागुलाल साहु पंकज सत्यम् किशलय कृष्ण शंभु सौरभ कपिलेश्वर राउत बाल गोवि‍न्द यादव गोवि‍न्दा‍चार्य वीरेन्द्र कुमार यादव राम वि‍लास साफी शि‍व कुमार मि‍श्र दुर्गानन्द मण्डल नारायण यादव संजय कुमार मण्डलल राम प्रवेश मण्डल नारायण यादव बालमुकुन्द पाठक बेचन ठाकुर दुर्गानन्द ठाकुर शारदा नन्द सिंह 80म सगर राति‍ दीप जरय'' निर्मलीमे 45 गोट पोथीक लोकार्पण- बाल निबंध- 1. देवीजी (ज्योती झा चौधरी) कवि‍ राजदेव मण्डल वि‍वि‍धा- 1. कुरुक्षेत्रम अन्तर्मनक- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. बचेश्वर झा शब्द.कोष- 1. अंग्रजी-मैथि‍ली शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. रामाशीष सिंह 2. मैथि‍ली-अंग्रेजी शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. अशोक अवि‍चल वि‍हनि‍ कथा संग्रह- 1. बजन्ता-बुझन्ता (जगदीश प्रसाद मण्डाल) अनुमण्डललाधि‍कारी अरूण कुमार सिंह 2. तरेगन- दोसर संस्करण (जगदीश प्रसाद मण्डल)- वि‍धायक सतीश साह लघु कथा संग्रह- 1. सखारी-पेटारी (नन्द वि‍लास राय) डॉ. शि‍वकुमार प्रसाद 2. उलबा चाउर (जगदीश प्रसाद मण्डल) वि‍नोद कुमार ‘वि‍कल’ 3. अर्द्धांगि‍नी (जगदीश प्रसाद मण्डल) दुर्गानन्द मण्डल 4. सतभैंया पोखरि‍ (जगदीश प्रसाद मण्डल) प्रो. जयप्रकाश साह 5. भकमोड़ (जगदीश प्रसाद मण्डल) फागुलाल साहु दीर्घ कथा संग्रह- 1. शंभुदास (जगदीश प्रसाद मण्डल) सदरे आलम गौहर कवि‍ता संग्रह- 1. बसुन्धरा (राजदेव मण्डदल) गजलकार ओम प्रकाश झा 2. राति‍-दि‍न (जगदीश प्रसाद मण्डल) रामजी प्रसाद मण्डल 3. रथक चक्का उलटि‍ चलै बाट (रामवि‍लास साहु) नाटककार बेचन ठाकुर 4. नि‍श्तुकी दोसर संस्कलरण (उमेश मण्डल) जनकवि‍ रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’ 5. इन्द्र्धनुषी अकास (जगदीश प्रसाद मण्डल) पत्रकार राम लखन यादव 6. प्रतीक (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) अधि‍वक्ताा वीरेन्द्र कुमार यादव गजल संग्रह- 1. क्यो जानि‍ नै सकल हमरा (ओम प्रकाश झा) साहि‍त्यवकार जगदीश प्रसाद मण्डल 2. माझ आंगनमे कति‍याएल छी (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) गायक रामवि‍लास यादव 3. मोनक बात (चन्दन कुमार झा) डॉ. शि‍वकुमार प्रसाद 4. अंशु (अमि‍त मि‍श्र) कथाकार कपि‍लेश्वर राउत गीत संग्रह- 1. गीतांजलि‍ (जगदीश प्रसाद मण्डल) अमीत मि‍श्र 2. तीन जेठ एगारहम माघ (जगदीश प्रसाद मण्डल) चन्दन कुमार झा 3. सरि‍ता (जगदीश प्रसाद मण्डल) बालमुकुन्द 4. सुखाएल पोखरि‍क जाइठ (जगदीश प्रसाद मण्डल) बि‍पीन कुमार कर्ण 5. हमरा बि‍नु जगत सुन्ना छै (रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’) अधि‍वक्ताा मनोज कुमार बि‍हारी 6. क्षणप्रभा- (शि‍व कुमार झा ‘टि‍ल्लू‘’) राजाराम यादव अनुवाद साहि‍त्य- 1. पाखलो (उपन्यास (कोंकणीसँ हि‍न्दी सेवी फर्णांडि‍स एवं शंभु कुमार सिंह तथा हि‍न्दी‍सँ मैथि‍ली शंभु कुमार सिंह- कवि‍ शंभु सौरभ नाटक- 1. रि‍हलसल (रवि‍ भूषण पाठक) कवि‍ राम वि‍लास साफी 2. बि‍सवासघात (बेचन ठाकुर) बाल गोवि‍न्द यादव ‘गोवि‍न्दाचार्य’ 3. बाप भेल पि‍त्ती आ अधि‍कार (बेचन ठाकुर) कवि‍ रामवि‍लास साहु 4. रत्नाकार डकैत (जगदीश प्रसाद मण्डल) कि‍शलय कृष्ण 5. स्वयंवर (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि‍ शंभु सौरभ 6. पंचवटी एकांकी संचयन- (जगदीश प्रसाद मण्डल) उपन्याौसकार राजदेव मण्डल 7. कम्प्रोएमाइज- (जगदीश प्रसाद मण्डल) कथाकार राम प्रवेश मण्डल 8. झमेलि‍या बि‍आह (जगदीश प्रसाद मण्डल) अधि‍वक्ता वीरेन्द्र् कुमार यादव उपन्यास 1. हमर टोल (राजदेव मण्डल) कवि‍ हेम नारायण साहु 2. जीवन संघर्ष (दोसर संस्करण) जगदीश प्रसाद मण्डाल) नारायण यादव 3. बड़की बहि‍न (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि‍ शारदा नन्द सिंह 4. जीवन-मरण (दोसर संस्करण) (जगदीश प्रसाद मण्डल) डाकबाबू छजना 5. नै धाड़ैए (बाल उपन्यास, जगदीश प्रसाद मण्डल) गुरुदयाल भ्रमर सह्त्रबाढ़नि‍ (ब्रेल लि‍पि‍) गजेन्द्र ठाकुर) शि‍क्षक मनोज कुमार राम वायोग्राफी- 1. जगदीश प्रसाद मण्डल एकटा वायोग्राफी- (गजेन्द्र ठाकुर) कवि‍ उमेश पासवान संस्म्रण साहि‍त्यए- मध्य प्रदेशक यात्रा (ज्योति‍ झा चौधरी) कथाकार नन्द वि‍लास राय ७९म सगर राति‍ दीप जरय सगर राति‍ दीप जरय’क ७९म आयोजन ‘कथा कोसी’ उमेश पासवानक संयोजकत्वामे औरहामे सम्पन्न/ ८०म सगर राति‍ दीप जरय सुपौल जि‍लाक निर्मलीमे उमेश मण्डनलक संयोजकत्वमे- उमेश मण्डल सगर राति‍ दीप जरय’क ७९म आयोजन ‘कथा कोसी’ नामक वैनरक नीचाँ दि‍नांक १५ जून संध्याम ६.३० बजेसँ शुरू भऽ १६ जूनक भि‍नसर ६ बजे धरि‍ लौकही थाना अन्तकर्गत औरहा गामक मध्यन वि‍द्यालयक नव नि‍र्मित भवनमे श्री उमेश पासवानक संयोजकत्व्मे सुसम्पान्न भेल। अगि‍ला ८०म गोष्ठीम सुपौल जि‍लाक निर्मलीमे हेबाक लेल उमेश मण्डवलक प्रस्ताोव आएल जे सर्वसम्मति‍सँ मान्यि भऽ घोषित भेल। श्री जगदीश प्रसाद मण्डेल एवं श्री रामचन्द्र् पासवान जीक संयुक्त् अध्य क्षतामे तथा श्री वीरेन्द्रय कुमार यादव आ श्री दुर्गागान्दम मण्ड लक संयुक्त् संचालनमे ऐ कथा गोष्ठीनक भरि‍ राति‍क यात्रा भेल। गोष्ठीरक शुभारम्भ६ श्री लक्ष्मीद नारायण सिंह एवं श्री रामचन्द्र् पासवानजी संयुक्त रूपे दीप प्रज्वकलि‍त कऽ उद्घाटन केलनि‍। दीप प्रज्वलनमे डॉ. रामानन्द् झा ‘रमण’ श्री हेम नारायण साह श्री शंभु सौरभ संग-संग प्रेक्षागारमे उपस्थि।‍त सभ कथा-साहि‍त्या प्रेमी थोपड़ी बजा सहयोग केलनि‍। वि‍देह-सदेह-५ वि‍देह मैथि‍ली वि‍हनि‍ कथा, वि‍देह सदेह-६ वि‍देह मैथि‍ली लघुकथा, वि‍देह-सदेह-७ वि‍देह मैथि‍ली पद्य, वि‍देह-सदेह-८ वि‍देह मैथि‍ली नाट्य उत्सथव, वि‍देह-सदेह-९ वि‍देह मैथि‍ली शि‍शु उत्सदव तथा वि‍देह-सदेह-१० वि‍देह मैथि‍ली प्रबन्धप-नि‍बन्ध‍-समालोचना नामक पोथीक लोकार्पण स्थािनीय वि‍द्वतजन श्री संजय कुमार सिंह, श्री रामचन्द्रे पासवान, श्री मि‍थि‍लेश सिंह, श्री राजदेव मण्डलल, श्री लक्ष्मीद नारायण यादव तथा श्री वीरेन्द्र् प्रसाद सिंह (दुर्गानन्दह मण्डेल) जीक हाथे भेल। लोकार्पण सत्रक पछाति‍ दू-शब्दजक एकटा महत्वेपूर्ण सत्रक सेहो आयोजन भेल जइमे श्री रामचन्द्र पासवान, श्री बेचन ठाकुर, श्री कपि‍लेश्वर राउत, श्री कमलेश झा, श्री राजदेव मण्डजल, श्री राम वि‍लास साहु, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री रामानन्दक झा ‘रमण’, श्री शंभु सौरभ, श्री वीरेन्द्रर यादव, श्री दुगानन्दव मण्डमल, श्री जगदीश प्रसाद मण्ड ल, श्री हेम नारायण साहु, डॉ शि‍वकुमार प्रसाद, श्री अरूणाभ सौरभ तथा हम माने उमेश मण्डाल आ संयोजक श्री उमेश पासवान द्वारा ‘सगर राति‍ दीप जरय’ कथा गोष्ठीाक दीर्घ यात्रा तथा उदेसपर सभागारमे उपस्थि ‍त दूर-दूरसँ आएल कथाकार, समीक्षक-आलोचक एवं स्थाकनीय साहि‍त्यग प्रेमीक समक्ष अपन-अपन मनतव्य रखलनि‍। सगर राति‍क ७५म आयोजनक पश्चात ७६म आयोजन जे श्री देवशंकर नवीन दि‍ल्ली‍मे करेबाक घोषना तँ केने रहथि‍ मुदा से नै करा साहि‍त्यय अकादेमी द्वारा आयोजि‍त कथा गोष्ठी केँ गनि नेने रहथि‍ जहू गि‍नतीकेँ सोझरौल गेल आ तँए ऐ गोष्ठीतकेँ श्री उमेश पासवान अपन इमानक परि‍चए दैत ७९म आयोजन केलनि‍। ओ कहलनि‍ जे हम सभ अर्थात् वि‍देह मैथि‍ली साहि‍त्यक आन्दोदलनसँ जुड़ल मैथि‍ली वि‍कास प्रेमी छी। हम सभ ७७म, ७८म आयोजनक आयोजनकर्ताकेँ स्पथष्टल रूपे कहैत एलि‍यनि‍ मुदा हमरा सबहक बात नहियेँ वि‍भारानी मानलनि‍ आ नहि‍येँ कमलेश झा मानलनि‍। मुदा से हमहूँ नै मानब आ सही-सही गि‍नती करब।” ऐ तरहेँ उक्त आयोजनकेँ ‘सगर राति‍ दीप जरय’क ७९मे बहुसंख्य क मनानुसार तँइ भेल, आयोजि‍त भेल। हलाँकि‍ दरभंगासँ आएल कथाकार श्री हीरेन्द्रन कुमार झाक उकसेला पर रहुआसँ आएल श्री वि‍नय मोहन झा जगदीश, श्री दुखमोचन झा आ दरभंगेसँ आएल श्री अशोक कुमार मेहता, हीरेन्द्रँ झा जीक संग गोष्ठीहक आरम्भिक घंटा भरि‍क पछाति‍ चलि‍ जाइ गेला। जीवि‍ते नर्क (उमेश मण्डतल), शि‍क्षाक महत (राम वि‍लास साहु), बि‍आहक पहि‍ल साल गि‍ड़ह (दुर्गानन्द मण्डभल), बौका डाँड़ (लक्ष्मीम दास), बंश (कपि‍लेश्वर राउत), टाटीक बाँस (राम देव प्रसाद मण्डभल ‘झारूदार’), सगतोरनी (शि‍वकुमार मि‍श्र), पाथर, पि‍यक्कर, जोगार आ अंग्रेज नैना (अमीत मि‍श्र), संत आकि‍ चंठ (बेचन ठाकुर), अछोपक छाप (शम्भुी सौरभ), नमोनाइटिस (उमेश नारायण कर्ण), द्वादशा (सुभाष चन्द्रँ ‘सि‍नेही’), राँड़ि‍न (रोशन कुमार ‘मैथि‍ल’), पँचवेदी (अखि‍लेश कुमार मण्डरल), मुइलो बि‍सेबनि (जगदीश प्रसाद मण्ड्ल) इत्याादि‍ महत्वापूर्ण लघु कथा/वि‍हन‍ कथाक पाठ भेल आ सत्रे-सत्र मौखि‍क टि‍प्पणणी आ समीक्षा सेहो भेल। अछोपक छाप (शम्भुो सौरभ) क समीक्षाक क्रममे श्री रमानन्द झा "रमण" कथावस्तुसँ अपन असहमति देखेलनि आ कहलनि- "नै आब ई गप नै अछि, एकटा गप एतै देखियौ, हम रमानन्द झा "रमण" श्रोत्रिय उच्च कुलक, आ कतऽ आएल छी! उमेश पासवानक दरबज्जापर!" श्री बेचन ठाकुर श्री रमानन्द झा "रमण"क नव-ब्राह्मणवादी सोचक विरोध करैत कहलनि- "लोकक मगजमे अखनो जाति-पाति भरल छै, मैलोरंगक प्रकाश झा तँए ने कहै छथि जे बेचन ठाकुर भरि दिन तँ केश काटैत रहैए, ई रंगमंच की करत!! श्रीधरमकेँ सेहो ई गप बूझल छन्हि।” माने मैथिली साहित्यकार, समीक्षक आ रंगमंचसँ जुड़ल ब्राह्मणवादी आ नव-ब्राह्म्णवादी सोचक लोककेँ देखैत ई कहल जा सकैए जे २१म शताब्दीमे श्री रमानन्द झा "रमण"क व्याून ई देखबैत अछि जे केना ओ उमेश पासवानक दरबज्जापर आबि उपकृत करबाक भावनासँ ग्रसित छथि। ऐ अवसरि‍पर वि‍देह मैथि‍ली पोथी प्रदर्शनी (२७म प्रदर्शनी) सेहो लागल रहए। अगि‍ला ८०म गोष्ठीव सुपौल जि‍लाक निर्मलीमे हेबाक लेल उमेश मण्डबलक प्रस्तागव आएल जे सर्वसम्मति‍सँ मान्यर भऽ घोषित भेल। सभ कथाकार, कथा-साहि‍त्यस प्रेमी एवं समीक्षक-आलोचकसँ आग्रह-अनुरोध-नि‍वेदन‍ जे ८०म सगर राति‍क कथा गोष्ठीक- निर्मलीमे अपन गरि‍मामयी उपस्थि ‍ति दि‍ऐ।

No comments:

Post a Comment